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शारदा घोटाला : सीबीआई ने तृणमूल नेता से पूछताछ की

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड घोटाला मामले में सीबीआई ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव शंकुदेब पंडा से बुधवार को पूछताछ की। सीबीआई ने पंडा को नोटिस जारी किया था, जो पूर्व में टेलीविजन पत्रकार रह चुके हैं। वह सुबह सीबीआई कार्यालय में पेश हुए।

सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया, “उनसे शारदा चिटफंड घोटाला मामले में उनकी संलिप्तता को लेकर पूछताछ की गई।” गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में प्रवर्तन निदेशालय भी टेलीविजन पत्रकार रह चुके शंकुदेब पंडा से पूछताछ कर चुका है। ईडी भी इस मामले की जांच कर रहा है। राज्य के पूर्व परिवहन मंत्री और वरिष्ठ तृणमूल नेता मदन मित्रा वर्तमान में घोटाले में कथित संलिप्तता के कारण सलाखों के पीछे हैं।

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सुप्रीम कोर्ट ने मजदूर के बेटे को दिलाया IIT में एडमिशन, कहा- प्रतिभाशाली छात्र को मझधार में नहीं छोड़ सकते

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक गरीब मजदूर के बेटे को आईआईटी में एडमिशन मिल गया है। दरअसल, मजदूर किसान का बेटा अतुल कुमार अपनी आगे की पढ़ाई के लिए IIT धनबाद के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला लेना चाहता था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वो डेडलाइन पर फीस नहीं जमा कर सका। जिस कारण उसका आईआईटी में एडमिशन लेने का सपना, सपना ही रह गया।

दरअसल 18 वर्षीय अतुल कुमार के माता-पिता 24 जून तक फीस के रूप में 17,500 रुपये जमा करने में विफल रहे, जो आवश्यक शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि थी। कुमार के माता-पिता ने आईआईटी की सीट बचाने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण और मद्रास हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया आदेश

इस मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जज जेबी पारदीवाला और जज मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, ‘हम ऐसे प्रतिभाशाली युवक को अवसर से वंचित नहीं कर सकते। उसे मझधार में नहीं छोड़ा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 142 के तहत अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को आईआईटी धनबाद में एडमिशन दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता जैसे स्टूडेंट कमजोर वर्ग से आते हैं। उनको एडमिशन लेने से रोका नहीं जा सकता है।

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