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जापान से बुलेट ट्रेन डील फाइनल, सिविल न्यूक्लियर डील पर भी मुहर

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नई दिल्ली। भारत ने अहमदाबाद और मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन चलाने के लिए जापान के साथ शनिवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समझौते को आर्थिक बदलाव का एक इंजन बताते हुए कहा कि बुलेट ट्रेन में बेहद आसान शर्तों पर गति और सुरक्षा का समन्वय है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हुई सालाना शिखर वार्ता में दोनों देशों के बीच रक्षा उपकरण, बुलेट ट्रेन नेटवर्क और असैन्य परमाणु समझौते समेत कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इस अवसर पर जारी साझा बयान में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, बीते एक साल में दोनों देशों के संबंध में तेजी आई है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, “आर्थिक बदलाव का एक इंजन : जापान के शिंकनसेन के जरिए मुंबई-अहमदाबाद खंड पर तीव्र गति की रेल।” इस परियोजना के लिए भारतीय रेल और जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी ने इस वर्ष जुलाई में संयुक्त रूप से एक व्यवहार्यता अध्ययन कराया था। इस 505 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग की अनुमानित लागत लगभग 1,00,000 करोड़ रुपये है।

भारत ने जापान के साथ असैन्य परमाणु ऊर्जा पर एक सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर किया और घोषणा की कि यह समझौता न सिर्फ व्यवसायिक और स्वच्छ ऊर्जा के बारे में है, बल्कि एक सुरक्षित दुनिया के लिए आपसी विश्वास और साझेदारी का एक संकेत भी है। इस सहमति पत्र पर हस्ताक्षर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने यहां किया। मोदी ने समझौते पर हस्ताक्षर के बाद कहा, “भारत के आर्थिक सपने को साकार करने में जापान से ज्यादा कोई मित्र मायने नहीं रखता। हमने आर्थिक सहयोग में और अपनी क्षेत्रीय साझेदारी व सुरक्षा सहयोग में अपार प्रगति की है।”

मोदी ने कहा कि भारत और जापान के बीच रणनीतिक साझेदारी का गहरा महत्व है। उन्होंने कहा, “शिंजो हमारे आर्थिक प्रस्तावों पर तत्पर और सकारात्मक रहे हैं, जिनमें से कई इस समय भारत के लिए अनोखे हैं। जापान का निजी निवेश भी तेजी से बढ़ रहा है।” दोनों देशों ने रक्षा संबंधों को गहरा बनाने और रक्षा विनिर्माण के लिए सुरक्षा संचालन पर भी दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए। आबे ने कहा, “हम रिश्ते को एक नई ऊंचाई पर ले गए हैं।”

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स्वच्छ घाट प्रतियोगिता 2.0: छठ महापर्व पर घाटों की स्वच्छता और सौंदर्यीकरण के लिए योगी सरकार ने बढ़ाए कदम

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लखनऊ| छठ महापर्व के अवसर पर योगी सरकार प्रदेश में स्वच्छ घाट प्रतियोगिता 2.0 का आयोजन कर रही है। 8 नवम्बर, 2024 तक आयोजित इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य घाटों पर स्वच्छता, सौंदर्यीकरण, और प्लास्टिक मुक्त परिवेश सुनिश्चित करना है। विभिन्न निकायों के बीच इस प्रतियोगिता को बढ़ावा देने के लिए अनेक गतिविधियों का भी आयोजन किया गया है।

स्वच्छता के प्रति नागरिकों में जागरूकता लाने का प्रयास

प्रतियोगिता के अंतर्गत घाटों पर साफ-सफाई बनाए रखने हेतु अर्पण कलश स्थापित किए गए हैं, जिससे लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके। इसके साथ ही, घाटों को नो प्लास्टिक जोन घोषित किया गया है ताकि प्लास्टिक और थर्माकोल के उपयोग को प्रतिबंधित किया जा सके।

सुविधाएं और रखरखाव पर विशेष ध्यान

प्रतियोगिता के दौरान घाटों पर शौचालयों और स्नान घरों की स्थापना की जा रही है। इन सुविधाओं का नियमित रखरखाव भी सुनिश्चित किया जा रहा है। स्वच्छ सारथी क्लब, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, एनजीओ और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं की भागीदारी से इन सुविधाओं को सुदृढ़ बनाया जा रहा है।

नवाचार और सौंदर्यीकरण

घाटों का सौंदर्यीकरण और पूर्ण रूप से बदलाव लाने के लिए नवाचार गतिविधियों का आयोजन किया गया है। कूड़े के उचित निपटान हेतु डस्टबिन की व्यवस्था की गई है ताकि घाट क्षेत्र हमेशा साफ-सुथरा बना रहे। साथ ही, घाटों की स्वच्छता में अधिकतम नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।

सामाजिक संगठनों की भूमिका

इस स्वच्छता अभियान में एनजीओ, सीएसओ और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग प्राप्त हो रहा है। इन संगठनों द्वारा घाटों पर सफाई अभियान चलाया जा रहा है और लोगों को स्वच्छता का महत्व समझाया जा रहा है।

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