Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिकी सेना में सिख सैनिक को मिली दाढ़ी-पगड़ी की इजाजत

Published

on

Loading

न्यूयार्क। अमेरिकी सेना ने धार्मिक सामंजस्य के अपने तरह के अनूठे मामले में लड़ाई के मोर्चे पर तैनात एक सिख फौजी कैप्टन को दाढ़ी रखने और पगड़ी पहनने की फिलहाल इजाजत दे दी है। कहा जा रहा है कि यह मामला उन सैनिकों के मामले में काफी महत्व रख सकता है, जो अपनी धार्मिक पहचान के साथ सेना की सेवा करना चाहते हैं। लेकिन, यह छूट अभी सिर्फ एक महीने के लिए दी गई है। इसके बाद सेना तय करेगी कि क्या सिंह को दी गई अस्थाई छूट को स्थाई बना दिया जाए। लेकिन, सिंह ने न्यूयार्क टाइम्स से कहा कि अगर यह सुविधा स्थाई नहीं की गई तो वह मुकदमा दायर करने के लिए तैयार हैं।

न्यूयार्क टाइम्स की रपट के मुताबिक, कैप्टन सिमरत पाल सिंह को 10 साल पहले अमेरिकी सैन्य अकादमी में पहले दिन अपने केश और दाढ़ी के बाल कटवाने पड़े थे। वजह यह थी कि अमेरिकी सेना में किसी भी सैनिक को लंबे बाल और दाढ़ी रखने की इजाजत नहीं है। लेकिन, बीते हफ्ते कैप्टन सिंह के लिए तस्वीर बदल गई। सेना ने उन्हें दाढ़ी बढ़ाने और केश को पगड़ी में बांधने की इजाजत दे दी।

ब्रांज स्टार अवार्ड से सम्मानित किए जा चुके कैप्टन सिंह ने कहा, “यह अद्भुत है। मैं दोहरी जिंदगी जी रहा था। घर पर ही पगड़ी पहनता था।” न्यूयार्क टाइम्स के मुताबिक, सिंह ने कहा, “मेरी दो दुनिया आखिरकार एक साथ आ गई।” अखबार ने बताया है कि धार्मिक आस्था को मान्यता देने का यह दशकों में पहला मामला है, जब जंग के मोर्चे पर तैनात सैनिक को दाढ़ी रखने की छूट दी गई है। इससे मुसलमानों और अन्य समुदायों को अपनी धार्मिक आस्था के हिसाब से छूट मिलने की उम्मीद जगी है।

सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जेनिफर आर. जॉन्सन ने कहा कि सेना किसी के निजी फैसले पर टिप्पणी नहीं करती। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी सुविधा के लिए अर्जी मिलने पर उसका फैसला स्थिति के हिसाब से किया जाएगा।

कैप्टन सिंह से पहले तीन सिखों को सेना में दाढ़ी रखने की इजाजत मिल चुकी है, लेकिन ये सभी मोर्चे पर सक्रिय रूप से जंग लड़ने वाली सैन्य टुकड़ियों के सदस्य नहीं थे।

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

Published

on

Loading

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

Continue Reading

Trending