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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में 2 फीसदी तेजी

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मुंबई| देश के शेयर बाजार में पिछले सप्ताह करीब दो फीसदी तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 1.90 फीसदी यानी 474.79 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 25,519.22 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 1.99 फीसदी यानी 151.5 अंकों की तेजी के साथ 7,761.95 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 25 में तेजी रही। टाटा स्टील (6.00 फीसदी), हिंडाल्को (4.72 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (4.69 फीसदी), हिंदुस्तान यूनिलीवर (4.65 फीसदी) और एचडीएफसी (4.29 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स के पांच शेयरों विप्रो (2.08 फीसदी), एक्सिस बैंक (1.68 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (1.43 फीसदी), आईटीसी (1.14 फीसदी) और भारतीय स्टेट बैंक (0.20 फीसदी) में गिरावट रही।

गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी करीब तीन फीसदी तेजी रही। मिडकैप 3.25 फीसदी या 343.23 अंकों की तेजी के साथ 10,919.25 पर और स्मॉलकैप 2.84 फीसदी या 318.68 अंकों की तेजी के साथ 11,531.86 पर बंद हुआ।

शुक्रवार 11 दिसंबर को बाजार बंद होने के बाद जारी एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक औद्योगिक विकस दर अक्टूबर में 9.8 फीसदी रही, जो गत 60 महीने में सर्वाधिक है। आंकड़े के मुताबिक सितंबर महीने के लिए संशोधित औद्योगिक विकास दर 3.8 फीसदी रही।

सोमवार 14 दिसबर को जारी सरकारी आंकड़े के मुताबिक नवंबर महीने में देश की थोक महंगाई दर नकारात्मक 1.99 फीसदी रही, जो अक्टूबर में नकारात्मक 3.81 फीसदी थी।

सोमवार को ही बाजार बंद होने के बाद जारी एक अन्य आंकड़े के मुताबिक देश की उपभोक्ता महंगाई दर नवंबर में बढ़कर 5.41 फीसदी रही, जो अक्टूबर में पांच फीसदी थी।

शुक्रवार को वित्त मंत्रालय द्वारा संसद में पेश मध्यावधि समीक्षा में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए विकास दर के अनुमान को घटाकर 7-7.5 फीसदी के दायरे में कर दिया गया है। फरवरी में सरकार ने 8.1-8.5 फीसदी के दायरे में विकास दर रहने का अनुमान जारी किया था। समीक्षा ने सरकार ने यह भी कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 3.9 फीसदी वित्तीय घाटा और 2.8 फीसदी राजस्व घाटा का लक्ष्य हासिल हो जाएगा।

अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में बुधवार को अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने अपनी प्रमुख ब्याज दर को 25 आधार अंक बढ़ाते हुए 0.25-0.50 फीसदी के दायरे में कर दिया। गत सात वर्षो से यह दर 0-0.25 फीसदी के दायरे में थी।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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