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अन्तर्राष्ट्रीय

इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री को रिश्वत मामले में कैद

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तेल अवीव| इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री एहुद ओलमर्ट को भ्रष्टाचार के एक मामले में 18 महीने कैद की सजा भुगतनी होगी। लंबे समय से चल रहे इस मामले में पहले उन्हें छह वर्ष की सजा दी गई थी, लेकिन इजरायल के सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को उनकी अपील को आंशिक तौर पर स्वीकार कर उनकी सजा की अवधि घटा दी है। समाचार पत्र हारेट्ज की रपट के मुताबिक, 70 वर्षीय ओलमर्ट की सजा की अवधि अगले वर्ष 15 फरवरी से शुरू होगी।

ओलमर्ट को 2006 में प्रधानमंत्री बनने से पूर्व अचल संपत्ति के एक सौदे के मामले में आरोपी बनाया गया है, जब वह जेरूशलम के मेयर थे।

ओलमर्ट पहले पूर्व इजरायली प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें किसी आरोप में जेल जाना होगा।

2014 में तेल अवीव जिला अदालत ने ओलमर्ट को जेरूशलम के एक अचल संपत्ति सौदे में शामिल होने के मामले में छह वर्ष की कैद की सजा सुनाई थी।

उन पर जेरूशलम के मेयर के पद पर रहते हुए निर्माण प्रक्रियाओं को शीर्घ आगे बढ़ाने की एवज में रिश्वत लेने का दोषी पाया गया था।

ओलमर्ट 2006 से 2009 के बीच प्रधानमंत्री थे।

भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद, 2008 के अंत में उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था।

अन्तर्राष्ट्रीय

इजरायल सेना की एक और बड़ी सफलता, हमास सरकार के प्रमुख नेता रावी मुश्ताहा और दो वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों को मार गिराया

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नई दिल्ली। इजरायल की सेना ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। गुरुवार को इजरायली सेना ने घोषणा की कि उसने गाजा में तीन महीने पहले किए गए हवाई हमलों में हमास सरकार के प्रमुख नेता रावी मुश्ताहा और दो वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों को मार गिराया। इजरायली सेना के अनुसार, उत्तरी गाजा में एक भूमिगत परिसर को निशाना बनाते हुए इस हमले को अंजाम दिया गया, जिसमें मुश्ताहा के साथ-साथ कमांडर समेह अल-सिराज और समी औदेह भी मारे गए।

इजरायल ने लेबनान पर भी लगातार बमबारी जारी रखी है। ताजा हवाई हमलों में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई, जबकि सात लोग घायल हुए। समाचार एजेंसी के मुताबिक, गुरुवार सुबह बेरूत के बाचौरा इलाके में संसद के पास एक इमारत को निशाना बनाकर हमला किया गया। यह इजरायल का लेबनान की सरकार के मुख्यालय के सबसे करीब किया गया हमला है।

इजरायली सेना ने यह हमला ईरान की तरफ से मिलाइलें दागने के बाद किया था। इजरायली सेना की ओर से किए गए हमलों में कम से कम 51 लोग मारे गए थे। मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। हमास द्वारा बीते साल सात अक्टूबर को किए गए आतंकी हमले के बाद इजरायल ने गाजा में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर हमले जारी रखे हैं।

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