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गूगल के पायोनियर अमित सिंघल छोड़ रहे हैं कंपनी

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गूगल सर्च इंजन, गूगल के पायोनियर अमित सिंघल, गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट, अमित सिंघल आईआईटी रुड़की पासआउट, जॉन गियनॉड्रिया, मिनेसोटा यूनिवर्सिटी से एमएस की पढ़ाई, गूगल के 176वें इम्प्लॉई

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यूपी में जन्मे अमित आईआईटी  पासआउट हैं

न्यूयॉर्क। गूगल सर्च इंजन को ऊंचाई पर ले जाने वाले और कंपनी के पायोनियर माने जाने वाले अमित सिंघल 26 फरवरी को कंपनी छोड़ने जा रहे हैं। उनका इरादा परिवार को ज्यादा वक्त देने और चैरिटी करने का है। वे 2000 में गूगल से जुड़े थे। लंबे समय तक गूगल इंटरनेट सर्च बिजनेस के हेड रहे। गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट ने सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (सर्च) सिंघल की जगह जॉन गियनॉड्रिया को अप्वाइंट किया है।

अमित सिंघल का यूपी कनेक्‍शन

उत्तर प्रदेश के झांसी में जन्मे 47 साल के अमित सिंघल ने 1989 में आईआईटी रुड़की से कम्प्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने मिनेसोटा यूनिवर्सिटी से एमएस की पढ़ाई की। वहीं कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। 2000 में अमित गूगल से जुड़े थे। तब वे गूगल के 176वें इम्प्लॉई थे। उस वक्त लैरी पेज और सर्जेइ ब्रिन को गूगल की शुरुआत किए दो साल ही हुए थे। गूगल ज्वॉइन करने से पहले अमित एटीएंडटी लैब के टेक्निकल स्टॉफ में थे। सिंघल को उनके बेहतरीन काम के लिए नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, एशियन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।

गूगल प्लस सोशल नेटवर्क पर अपनी पोस्ट ‘द जर्नी कंटीन्यूज’ में सिंघल ने लिखा…

”डियर फ्रेंड्स!

मेरी जिंदगी सपनों के सफर की तरह रही है। एक छोटा बच्चा जो कभी हिमालय की गोद में बड़े होते हुए स्टार ट्रेक कम्प्यूटर के सपने देखा करता था। एक दिन अचानक अमेरिका पहुंच जाता है। वह भी दो सूटकेस के साथ और ज्यादा कुछ नहीं। बाद में उसे गूगल में सर्च के प्रमुख जैसी अहम जिम्मेदारी सौंप दी जाती है। मेरी जिंदगी में आए हर मोड़ ने मुझे एनरिच किया और मुझे एक बेहतर इंसान बनाया है।

गूगल में 15वां साल शुरू होने पर मैंने खुद से एक सवाल पूछा था कि तुम अगले 15 साल में क्या करना चाहोगे? जवाब था, दूसरों के लिए काम। जिंदगी में बदलाव का यह सही वक्त है। गूगल सर्च पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है। कंपनी की टॉप लीडरशिप इसे हर रोज बेहतर बनाने में जुटी है। गूगल सर्च ने लोगों की जिंदगियां बदली हैं। आज एक अरब से ज्यादा लोग हम पर भरोसा करते हैं। जानकारी से लोगों को मजबूत बनाना हमारा मिशन रहा है।

इसके असर को दुनियाभर में अनदेखा नहीं किया जा सकता। मैंने जब शुरुआत की थी, तब किसने कल्पना की होगी कि 15 साल के छोटे समय में हम सिर्फ एक बटन क्लिक कर पूछेंगे और जवाब आपके सामने होगा लेकिन आज यह नॉर्मल बात हो गई है। मेरा स्टार ट्रेक कम्प्यूटर का सपना आज हकीकत बन गया है और यह मेरी इमेजिनेशन से कहीं ज्यादा बेहतर है।

मैं गूगल से प्यार करता हूं। यह एक ऐसी कंपनी है जो सही चीजें करने में भरोसा करती है। ऐसी कंपनी जो दुनिया की बेहतरी के लिए काम करने में यकीन करती है। ऐसी कंपनी जो आपकी फिक्र करती है। मैं शुक्रगुजार हूं कि मैं इसका एक हिस्सा बना। लेकिन मुझे अगले 15 साल में क्या करना है, अब यह तय करना जरूरी हो गया है। 26 फरवरी, 2016 को गूगल में मेरा आखिरी दिन होगा।

विद लव…

अमित ”

सिंघल किसलिए जाने जाते हैं…

– जब सिंघल कंपनी से जुड़े तब गूगल बाकी सर्च इंजन्स की तरह था। लेकिन बाद में सिंघल ने इसका अल्गोरिदम बदला।

– इस बदलाव ने क्वालिटी रिजल्ट देने और स्पेल चेक जैसे फीचर्स लाकर गूगल का यूजर बेस बढ़ाया।

– सिंघल की लीडरशिप में काम करने वाली इंजीनियरिंग टीम ने एडवर्टाइजिंग के लिए भी सर्च से जुड़े टूल्स डेवलप किए। इससे गूगल सर्च तेजी से प्रॉफिटेबल बिजनेस में तब्दील हो गया।

अमित सिंघल की जगह कौन ले रहा है?

– सिंघल की जगह जॉन गियनॉड्रिया ले रहे हैं।

– वे गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट में अभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस देखते हैं।

– गूगल की यह विंग वॉइस कमांड्स, यूजर शेड्यूल में बदलाव पर अलर्ट सिस्टम और आॅटोमैटिक कार ड्राइविंग जैसे प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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