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बिजनेस

रिलायंस लाइफ में निप्पॉन लाइफ की हिस्सेदारी बढ़ाने की अनुमति

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मुंबई| भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने रिलायंस कैपिटल को उसकी जीवन बीमा सहायक कंपनी रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस में जापानी साझेदार की हिस्सेदारी बढ़ाकर 49 फीसदी करने की मंजूरी दे दी है। इसके लिए जापानी कंपनी 2,265 करोड़ रुपये (35 करोड़ डॉलर) का अतिरिक्त निवेश करेगी। कंपनी ने यह जानकारी गुरुवार को एक बयान जारी कर दी।

निप्पॉन की साझेदारी बढ़ने के बाद रिलायंस लाइफ 10 हजार करोड़ रुपये (करीब 1.5 अरब डॉलर) की कंपनी हो जाएगी। शेयरधारिता संरचना के मुताबिक कंपनी का नाम भी बदलकर रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी कर दिया जाएगा।

इस सौदे के पूरा होने के बाद जापानी बीमा कंपनी की रिलायंस कैपिटल की दोनों कंपनियों -लाइफ इंश्योरेंस और संपत्ति प्रबंधन कंपनी- में कुल 8,630 करोड़ रुपये निवेश के साथ 49 फीसदी (प्रत्येक) हिस्सेदारी हो जाएगी। यह देश में वित्तीय सेवा क्षेत्र के सबसे बड़े निवेशों में से एक होगा।

गत महीने रिलायंस लाइफ ने कहा था कि नए व्यवसाय के प्रीमियम के मामले में निजी क्षेत्र में उसकी हिस्सेदारी चार फीसदी है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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