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सेंसेक्स, निफ्टी में 2 फीसदी से अधिक गिरावट

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सेंसेक्स, निफ्टी में 2 फीसदी से अधिक गिरावट

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सेंसेक्स, निफ्टी में 2 फीसदी से अधिक गिरावट

मुंबई| देश के शेयर बाजार में पिछले सप्ताह दो फीसदी से अधिक गिरावट रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 2.34 फीसदी यानी 554.85 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 23,154.30 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 2.51 फीसदी यानी 181 अंकों की गिरावट के साथ 7,029.75 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के 30 में से छह शेयरों में पिछले सप्ताह तेजी रही। हिंदुस्तान यूनिलीवर (2.48 फीसदी), ओएनजीसी (1.82 फीसदी), सन फार्मा (0.85 फीसदी), एशियन पेंट्स (0.80 फीसदी) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (0.63 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे बजाज ऑटो (8.96 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (6.90 फीसदी), गेल (6.87 फीसदी), भेल (6.67 फीसदी) और एनटीपीसी (6.29 फीसदी)।

मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गत सप्ताह करीब दो-तीन फीसदी गिरावट रही। मिडकैप 2.35 फीसदी या 230.09 अंकों की गिरावट के साथ 9,572.68 पर और स्मॉलकैप 3.25 फीसदी या 321.30 अंकों की गिरावट के साथ 9,555.23 पर बंद हुआ।

शुक्रवार को संसद के पटल पर वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा रखे गए आर्थिक सर्वेक्षण 2015-16 में आगामी कारोबारी वर्ष के लिए विकास दर का अनुमान 7-7.75 फीसदी के दायरे में रखा गया है। इसमें हालांकि कमजोर वैश्विक आर्थिक स्थिति के कारण और कम ही रहने का अंदेशा है।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि मौजूदा कारोबारी वर्ष के लिए 3.9 फीसदी वित्तीय घाटा लक्ष्य हासिल हो सकता है। 2016-17 के लिए इसमें कहा गया है कि सरकार को पहले से घोषित 3.5 फीसदी लक्ष्य पर कायम रहना चाहिए।

सर्वेक्षण में कहा गया कि सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता के कारण आगामी दो-तीन साल में विकास दर 8-10 फीसदी तक पहुंच सकती है। इसमें यह भी कहा गया कि वैश्विक विपरीत परिस्थितियों और कमजोर मानसून के बाद भी देश की विकास दर 2014-15 में 7.2 फीसदी रही और 2015-16 में 7.6 फीसदी रहने का अनुमान है। इसके साथ ही भारत दुनिया की सबसे तेज विकास दर वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया।

इससे पहले गुरुवार को लोकसभा में पेश किए गए रेल बजट में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने यात्री और माल ढुलाई किराया नहीं बढ़ाया।

प्रभु ने कहा कि गैर किराया स्रोतों से आय बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा। अभी गैर किराया स्रोतों से रेलवे को 5 फीसदी से कम आय होती है इसे अगले पांच साल में 10 फीसदी के वैश्विक औसत तक ले जाया जाएगा।

रेल बजट 1.21 लाख करोड़ रुपये का है। इसमें रेलवे के विद्युतीकरण बजट को 50 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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