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प्रादेशिक

बुंदेलखंड : पानी नहीं, बालू उगल रहे हैंडपम्प

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बुंदेलखंड : पानी नहीं, बालू उगल रहे हैंडपम्प

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बुंदेलखंड : पानी नहीं, बालू उगल रहे हैंडपम्प

पंकज मिश्रा

हमीरपुर (उप्र)। बुंदेलखंड में जलस्तर नीचे खिसक जाने से गर्मी की दस्तक के साथ ही पेयजल संकट भी बढ़ने लगा है। जनपद हमीरपुर के कस्बा सुमेरपुर की नई बस्तियों में हैंडपम्प पानी की जगह बालू उगल रहे हैं।

ग्रामीण इलाकों की बात करें तो इंगोहटा गांव में सैकड़ों हैंडपम्प खराब हैं। एक-दो हैंडपम्प ठीक हैं, जिन पर सुबह से शाम तक भारी भीड़ जमा रहती है।

सुमेरपुर कस्बे के नई बस्ती पीडब्लूडी स्टोर के पास कई हैंडपम्प पानी नहीं दे रहे हैं। मात्र एक-दो सरकारी हैंडपम्पों से पानी आ रहा है, जिन पर दिन से लेकर रात तक भीड़ लगी रहती है।

वहां की देवीदीन सविता ने बताया कि जलस्तर घट जाने से हैंडपम्प बालू फेंक रहा है। अन्य लोगों ने कहा कि गर्मी शुरू भी नहीं हुई है, अभी से हैंडपम्पों का यह हाल तो आगे क्या होगा, यह सोचकर वे चिंचित हैं। लोगों ने पाइप लाइन से पूरी नई बस्ती में पानी की आपूर्ति कराने की मांग की है।

इसी तरह कस्बे की प्रत्येक नई बस्तियों में पेयजल संकट का रोना रोया जा रहा है। लोगों ने कहा कि यदि समय रहते पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई तो भीषण गर्मी में हालात बहुत खराब हो जाएंगे।

ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग पेयजल संकट से परेशान हैं। इंगोहटा बड़ी आबादी का गांव है। 250 हैंडपम्प के साथ वहां पानी की टंकी भी बनी है, लेकिन गांव के लोग पेयजल संकट से बेहद परेशान हैं।

एक ग्रामीण ज्ञानेश दीक्षित ने बताया कि वर्तमान समय में 100 से अधिक हैंडपम्प रीबोर कराने लायक हैं। गांव के अंदर एक किलोमीटर के दायरे में पानी खारा हो चुका है, जिसे पीना मुश्किल है तो जो हैंडपम्प चालू हालत में हैं, उनमें सुबह से शाम तक भीड़ जमा रहती है।

उन्होंने बताया कि पानी को लेकर दिनभर विवाद होते रहते हैं। कुछ लोग लंबी दूरी तय करके पानी ढोने को विवश हैं।

ग्रामीण बाबादीन ने बताया कि खराब हैंडपम्पों का रीबोर नहीं कराया जा रहा है। टंकी का पानी प्रत्येक मुहल्ले में पहुंचे, इसके लिए जरा भी प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से गौर फरमाने की मांग की है।

यही हाल ग्राम बिदोखर का है, जहां पेयजल संकट व्याप्त है। वहां के दर्जनों हैंडपम्पों को रीबोर कराने की जरूरत है, मगर कई वर्षो से वहां रीबोर का कार्य नहीं कराया जा रहा है। इसी तरह ब्लॉक के कई गांवों से पेयजल संकट की जानकारी मिल रही है। यदि संबंधित विभाग सक्रिय नहीं होता तो आगे मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

लोगों का कहना है कि सूखे के हालात में यहां की जनता पहले से परेशान है, कम से कम पानी की व्यवस्था तो ठीक होनी ही चाहिए,वरना लोग जिएंगे कैसे।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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