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प्रादेशिक

आलोक रंजन सेवा विस्तार शिकायत का केंद्र द्वारा संज्ञान

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आलोक रंजन सेवा विस्तार शिकायत, केंद्र द्वारा संज्ञान, एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर

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आलोक रंजन सेवा विस्तार शिकायत, केंद्र द्वारा संज्ञान, एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर

लखनऊ। एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर द्वारा मुख्य सचिव आलोक रंजन के 30 मार्च 2016 को सेवा निवृत्ति के बाद के संभावित सेवा विस्तार के विरोध में भेजे पत्र का भारत सरकार द्वारा संज्ञान लिया गया है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की संयुक्त सचिव अर्चना वर्मा ने यह प्रकरण अपर सचिव राजीव कुमार को सौंपे जाने की सूचना नूतन को ईमेल से दी। नूतन ने कहा था कि अखिल भारतीय सेवा मृत्यु सह सेवानिवृत्ति लाभ नियमावली 1958 के नियम 16(1) में 60 साल की आयु के बाद राज्य के मुख्य सचिव को केंद्र सरकार की पूर्वानुमति के बाद 6 माह के सेवा विस्तार का प्रावधान है लेकिन इसके लिए पूरे औचित्य और जनहित को बताना जरुरी है।

उन्होने कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा यह स्पष्ट किया जा चुका है कि विशेष योग्यता वाले अफसरों का ही सेवा विस्तार किया जायेगा जबकि श्री रंजन के खिलाफ नाफेड के एमडी के रूप में वर्ष 2007 में गलत तरीके से 5000 करोड़ रुपये का गैर-कृषि ऋण देने और इस प्रक्रिया में 1600 करोड़ का नुकसान पहुँचाने के सम्बन्ध में सीबीआई द्वारा दो एफआईआर दर्ज कर आरोपपत्र प्रेषित किये गए जिनमे दिल्ली सीबीआई कोर्ट में एक मामला अभी भी लंबित है। अतः उन्होंने रंजन के खिलाफ गंभीर अपराध लंबित होने के नाते उनका सेवा विस्तार न करने का अनुरोध किया  था।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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