मुख्य समाचार
माकपा केंद्रीय समिति की बैठक स्थगित
अगरतला| पांच विधानसभाओं के चुनाव परिणामों की समीक्षा के लिए अगले सप्ताह होने वाली मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केंद्रीय समिति की दो दिवसीय बैठक स्थगित हो गई है। यह जानकारी पार्टी के एक नेता ने शुक्रवार को दी। माकपा नेता बिजान धर ने कहा, “नई दिल्ली में 22-23 मई को होने वाली माकपा केंद्रीय समिति की बैठक स्थगित हो गई है। इसमें पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों की समीक्षा होनी थी। हालांकि 22 मई को पोलित ब्यूरो की बैठक होगी।” धर ने कहा, “यद्यपि केंद्रीय समिति की बैठक की नई तिथि अभी तय होनी है। राज्य स्तर पर चुनाव परिणामों की समीक्षा के बाद यह संभवत: अगले महीने होगी।”
माकपा की 93 सदस्यीय केंद्रीय समिति पांच राज्यों में पार्टी के प्रदर्शनों की बारीकी से जांच करेगी। खासतौर पर पश्चिम बंगाल में पार्टी को मिली करारी हार पर गहन मंथन करेगी। मुख्यमंत्री माणिक सरकार त्रिपुरा से माकपा पोलित ब्यूरो के एकमात्र सदस्य हैं। वह 22 मई को पार्टी के शीर्ष निकाय की बैठक में भाग लेंगे। हालांकि माकपा नेतृत्व केरल में पार्टी के प्रदर्शन से खुश है, लेकिन पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा के खराब प्रदर्शन से परेशान है। धर ने कहा, “केंद्रीय समिति ने कांग्रेस के साथ सीटों के समायोजन का निर्णय कभी नहीं किया था। तृणमूल कांग्रेस को हराने के लिए पार्टी के राज्य स्तर के नेताओं ने यह फैसला किया था।”
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं मिले, लेकिन उन्होंने इन्कार किया कि इसका त्रिपुरा के चुनाव परिणामों पर कोई प्रभाव पड़ेगा। उधर तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अलग-अलग दावा किया है कि वे त्रिपुरा में 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव में वाम पार्टी को हरा देंगे। वाम पार्टी त्रिपुरा में 1993 से सत्ता में है। पश्चिम बंगाल में मिली अप्रत्याशित जीत की खुशी में तृणमूल कांग्रेस ने यहां शुक्रवार को एक रैली भी निकाली। इस बीच कांग्रेस विधायक दल के पूर्व नेता सुदीप रॉय बर्मन के नेतृत्व में निलंबित कांग्रेसी नेता तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बारे में चर्चा करने के लिए पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी से मिलने शीघ्र कोलकाता जाएंगे।
प्रादेशिक
IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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