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उत्तर प्रदेश

दीपोत्सव 2024: 1100 वेदाचार्यों के साथ सरयू आरती कर रिकॉर्ड बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ| सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में 28 से 30 अक्टूबर तक रामनगरी में दीपोत्सव का आयोजन होगा। आठवें दीपोत्सव पर 25 लाख दीप प्रज्ज्वलित होंगे। दीपोत्सव का शुभारंभ साकेत से चार किमी. तक शोभायात्रा में कलाकारों के विभिन्न दलों द्वारा रामायण के विविध प्रसंगों पर आधारित आयोजन व मंचन किया जाएगा। इस बार दीपोत्सव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी रहेंगे।

योगी सरकार के पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री व अतिथियों की मौजूदगी में इस बार लक्ष्मण किला घाट से नया घाट तक 1100 वेदाचार्यों के साथ सरयू आरती कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाएगा। वहीं लाखों दीपों के मध्य अवरिल सरयू धारा, राम की पैड़ी पर पानी के बीचोबीच भव्य स्टेज पर कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम व लेजर शो होगा।

छह देशों के कलाकार करेंगे रामलीला का मंचन

योगी सरकार एक ओर दीपोत्सव के आयोजन के साथ विभिन्न देशों की संस्कृति से भी लोगों को परिचित कराती है तो दूसरी तरफ यहां की संस्कृति का भी प्रचार-प्रसार करती है। इसी क्रम में आठवें दीपोत्सव में छह देशों के कलाकार रामलीलाओं का मंचन करेंगे। इसमें थाईलैंड, कंबोडिया, इंडोनेशिया, म्यांमार, मलेशिया व नेपाल के कलाकार हिस्सा लेंगे। इसमें आईसीसीआर का सहयोग लिया जाएगा।

रामनगरी में देश के 16 राज्यों के कलाकार अपनी संस्कृति से कराएंगे अवगत

दीपोत्सव के दौरान रामनगरी अयोध्या में मेजबान उत्तर प्रदेश सहित 16 राज्यों के कलाकार भी हिस्सा लेंगे। इसमें कश्मीर, उत्तराखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, असम, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, बिहार, चंडीगढ़, सिक्किम, छत्तीसगढ़ के कलाकार भी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। वहीं दीपोत्सव-2024 में गुप्तार घाट, बड़ी देवकाली, तुलसी उद्यान, हनुमानगढ़ी, रामपथ, रामकथा पार्क, सरयू तट, राम की पैड़ी आदि स्थानों पर देश-विदेश के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही भव्य ड्रोन शो, म्यूजिकल लेजर शो आदि भी होंगे।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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