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उत्तराखंड

एनजीटी की रोक के बावजूद खनन जारी

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एनजीटी की रोक के बावजूद खनन जारी, हरिद्वार से सटे इलाकों में चोरी छुपे हो रहा है खनन, सौंग नदी में भी हो रहा है अवैध खनन, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण

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एनजीटी की रोक के बावजूद खनन जारी, हरिद्वार से सटे इलाकों में चोरी छुपे हो रहा है खनन, सौंग नदी में भी हो रहा है अवैध खनन, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण

सौंग नदी में भी हो रहा है अवैध खनन

देहरादून। भले ही राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने गंगा किनारे खनन को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया हो, लेकिन प्रदेश में चोरी-छुपे अवैध रूप से खनन कार्य जोरों पर चल रहा है। ऋषिकेश व हरिद्वार के बीच में गंगा के किनारे रातों को अवैध खनन हो रहा है और इसका ढुलान भी चोरी-छिपे किया जा रहा है। उधर, डोईवाला व रायवाला क्षेत्र से भी खनन कार्य लगातार होने की सूचना है। पुलिस प्रशासन अवैध खनन पर रोक लगाने में नाकाम रहे हैं। हरिद्वार में मातृछाया के स्वामी शिवानंद लगातार के वर्षों से गंगा में खनन कार्य का विरोध कर रहे हैं। इस अवधि में वह कई बार भूख हड़ताल व जल त्याग भी कर चुके हैं। उनके इस आंदोलन के बावजूद गंगा में खनन लगातार जारी है। एनजीटी ने पुलिस-प्रशासन व राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि किसी भी दशा में खनन कार्य न हों, लेकिन खनन माफिया पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है।

हरिद्वार से सटे इलाकों में चोरी छुपे हो रहा है खनन

सूत्रों के अनुसार अवैध खनन के लिए रात का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। ऐसे में रात को बजरी, रेता व पत्थर माफिया पुलिस प्रशासन के सहयोग से अवैध खनन का कार्य कर रहे हैं। हालांकि प्रदेश में अवैध खनन को रोकने के लिए एक टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है, इसके बावजूद खनन माफिया पर अंकुश नहीं लग रहा है। गौरतलब है कि एनजीटी ने प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि गंगा या इसकी सहायक नदियों में खनन के लिए पहले एक विस्तृत रिपोर्ट या कार्ययोजना पेश करें कि गंगा में खनन कार्य वैज्ञानिक तरीके से होगा और इससे गंगा में प्रदूषण नहीं होगा, यह रिपोर्ट मिलने के बाद ही एनजीटी तय करेगा कि खनन की अनुमति दी जाएगी या नहीं।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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