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उत्तर प्रदेश

आपदा में आपकी सुरक्षा और सहायता के लिए सरकार प्रतिबद्ध : योगी आदित्यनाथ

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कुशीनगर, । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जिले में नारायणी और गंडक नदी के बाढ़ से बचाव के लिए बीते सात साल में बड़े स्तर पर प्रयास किये गये हैं। करीब 600 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च करते हुए बाढ़ से बचाव के विभिन्न प्रबंध करने का ही परिणाम है कि 83 गांव की 1,16,000 की आबादी और 20 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि सुरक्षित हुई है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि वह नारायणी नदी पर पक्का पुल बनाने के लिए सर्वे का काम जल्द से जल्द शुरू करें। उन्होंने कहा कि नारायणी के उस पार करीब 20 हजार की आबादी को इस पुल से बहुत फायदा मिलेगा, ऐसे में बाढ़ का पानी उतरते ही नदी पर कहां पुल बनाया जाना है, इसका सर्वे कराकर रिपोर्ट शासन को भेजी जाए। उन्होंने कहा कि आपदा में सरकार 24 घंटे अपने नागरिकों की सहायता और सुरक्षा के लिए खड़ी है।

मुख्यमंत्री ने रविवार को जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने ग्राम सभा तुर्कहा में बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की और राहत सामग्री का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने इससे पहले भैंसहां-छितौनी तटबंध का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र और विद्यार्थियों में टैबलेट वितरित किया। साथ ही बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार भी संपन्न कराया। साथ ही टॉफी देकर उनको दुलार किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 7 साल में समय पर बाढ़ से बचाव के उपाय करने का परिणाम है कि बड़े पैमाने पर जनधन की हानि को रोकने में मदद मिली है। अकेले कुशीनगर में करीब 3 लाख की आबादी को बाढ़ से बचाने में भी मदद मिली। इसी का परिणाम हे कि न केवल हम यहां सुरक्षित और निश्चिंत हैं, बल्कि प्रदेश के अन्य जनपदों में भी बाढ़ से बचाव को लेकर कार्य हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुशीनगर हिमालय की तलहटी में होने के कारण यहां नदी का करंट यहां बहुत तेज होता है, फिर भी यहां काफी राहत है। सात साल पहले छितौनी तटबंध पर जो लोग काम करते थे उनकी निर्मम हत्या होती थी। इस क्षेत्र में माफिया हावी थे, सूर्य अस्त के बाद लोग आना जाना बंद कर देते थे। आज आतंक, अराजकता और गुंडागर्दी का अंत हो गया है।

सीएम योगी ने कहा कि महात्मा बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली के रूप में पूरी दुनिया इसे शांति की भूमि के रूप में देखती है। इसे दुनिया की आस्था का केंद्र बनाने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। कभी यहां के बच्चे इन्सेफेलाइटिस से प्रभावित होते थे। आज इस बीमारी को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। कुशीनगर में आज मेडिकल कॉलेज बन रहा है। कृषि की आधुनिक तकनीक यहां के लोगों को मिल सके, इसके लिए नया कृषि विश्वविद्यालय कुशीनगर को उपलब्ध कराया गया है। यहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण भी कर दिया गया है। कुशीनगर की सड़कों पहले ऐसी थीं कि पता ही नहीं लगता था कि सड़क है या गड्ढा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते सात से नौ जुलाई के बीच जब नेपाल में भारी बारिश हुई थी, तब गंडक और नारायणी में लगभग साढ़े 4 लाख क्यूसेक वाटर छोड़ा गया था। सामान्यत: यह 12 से 20 हजार क्यूसेक ही रहता है, इसके बावजूद यहां के तटबंध डटे रहे। ये बताता है कि काम सही हुआ है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों ने उसपार के गांवों के बारे में चिंता व्यक्त की है। बताया गया है कि नारायणी नदी पर पक्का पुल बनना चाहिए। यहां 15-20 हजार की आबादी रहती है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी उमेश मिश्रा को निर्देशित करते हुए कहा कि पीएम गति-शक्ति के माध्यम से पुल का सही लोकेशन देखा जाए, जिससे लोगों को फायदा हो। बरसात समाप्त होने के बाद सर्वे का कार्य शुरू कर दिया जाए। सीएम योगी ने कहा कि छितौनी-भैंसहां तटबंध के पिच के कार्य को भी तेज गति से आगे बढ़ाया जाए, जिससे आवागमन में आराम हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आपके सुख में आपके साथ सुखी होना चाहती है, मगर आपको कभी दु:ख न उठाना पड़े, सरकार इसके लिए समय से उपाय करती है, फिर भी आपदा आती है तो सरकार आपकी मदद के लिए प्रभावी कदम उठाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां मुसहर जाति की बड़ी आबादी रहती है। हमने इन्हें जमीन का पट्टा, आवास, राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड दिया। इसके अलावा वृद्धा पेंशन, निराश्रित महिला पेंशन, दिव्यांगजन पेशन देने का कार्य हुआ है। आपको कोई परेशानी न हो, आपकी हर समस्या के समधान के लिए ये सरकार हमेशा आपके साथ खड़ी है। बाढ़ प्रभावित हर व्यक्ति की सुरक्षा और सहायता के लिए सरकार 24 घंटे खड़ी है।

इस अवसर पर प्रदेश सरकार में मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, सांसद विजय कुमार दुबे, विधायकगण विवेकानंद पांडेय, विनय गौड़, मनीष जायसवाल, मोहन वर्मा, सुरेन्द्र कुशवाहा, असीम राय, जिला पंचायत अध्यक्ष सावित्री जायसवाल, बिजेपी जिलाध्यक्ष दुर्गेश राय, राजेश्वर सिंह सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।

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उत्तर प्रदेश

मुख्य स्नान पर्वों के दिन प्रयागराज रेलवे स्टेशनों पर अलग-अलग होंगे एंट्री और एग्जिट के रास्ते

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महाकुम्भनगर। महाकुम्भ 2025 को लेकर प्रयागराज रेल मण्डल ने अपनी लगभग सभी तरह की प्लानिंग और तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसके साथ ही मुख्य स्नान पर्वों जैसे मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, वसंत पंचमी और माघी पूर्णिमा के दिन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या के हिसाब से प्रयागराज रेल मण्डल के सभी स्टेशनों पर एंट्री और एक्जिट के प्लान तैयार कर लिए गए हैं। स्टेशन परिसर में श्रद्धालुओं को किसी तरह की अफरा-तफरी और समस्याओं से बचाने के लिए एंट्री और एग्जिट के अलग-अलग रास्ते बनाए गए हैं। मालूम हो कि अनुमान के मुताबिक महाकुम्भ में आने वाले 45 करोड़ श्रद्धालुओं में से लगभग 10 करोड़ श्रद्धालु ट्रेन से प्रयागराज आएंगे। महाकुम्भ को सफल बनाने के लिए डबल इंजन की सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के क्रम में प्रयागराज रेल मण्डल अनुमान के हिसाब से महाकुम्भ के दौरान 3000 मेला स्पेशल ट्रेनों के साथ लगभग 13000 ट्रेनें चलाने की योजना पर काम कर रहा है।

सभी स्टेशनों पर अलग-अलग एंट्री और एग्जिट की व्यवस्था

महाकुम्भ के मुख्य स्नान पर्वों पर प्रयागराज रेल मण्डल के स्टेशनों पर एंट्री और एक्जिट प्लान के बारे में जन संपर्क अधिकारी अमित सिंह ने बताया कि मुख्य स्नान पर्वों के दिन प्रयागराज जंक्शन में एंट्री या प्रवेश केवल सिटी साइड, प्लेटफोर्म नं.-1 की ओर से दिया जाएगा और एक्जिट सिविल लाइंस साइड की ओर से ही होगा। अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार, उनके गन्तव्य स्टेशन के हिसाब से यात्री आश्रय स्थलों के माध्यम से सही ट्रेन और उसके प्लेटफॉर्म की ओर ले जाया जाएगा। वहीं आरक्षित या पहले से रिजर्वेशन कराये हुए यात्रियों को प्रयाराज जंक्शन के सिटी साइड से गेट नंबर 5 से अलग से प्रवेश कराया जाएगा। इसी तरह नैनी जंक्शन पर प्रवेश केवल स्टेशन रोड से दिया जाएगा और निकास केवल मालगोदाम की ओर दूसरे प्रवेश द्वार से होगा। प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर प्रवेश केवल प्रयागराज-मिर्जापुर राजमार्ग को जोड़ने वाले सीओडी मार्ग से तो निकास केवल जीईसी नैनी रोड की ओर से कराया जाएगा।

सूबेदारगंज, रामबाग और प्रयाग संगम स्टेशन का एंट्री और एक्जिट प्लान

इसी तरह, सूबेदारगंज स्टेशन में स्नान पर्वों के दिन प्रवेश केवल झलवा, कौशाम्बी रोड की ओर से और एक्जिट केवल जी.टी. रोड की ओर ही होगा। प्रयाग जंक्शन में एंट्री केवल चैथम लाइन, प्लेटफोर्म नं.-1 की ओर से तो एक्जिट रामप्रिया रोड, प्लेटफॉर्म नं.- 4 की ओर से होगी। लेकिन आरक्षित या रिजर्व्ड यात्रियों को सहसों मार्ग से द्वितीय प्रवेश द्वार की ओर से ही प्रवेश दिया जायेगा। तो वहीं फाफामऊ स्टेशन में प्रवेश केवल द्वितीय प्रवेश द्वार, प्लेटफॉर्म नं.-4 की ओर और निकास केवल फाफामऊ बाजार की ओर से होगा और प्रयागराज रामबाग स्टेशन में यात्रियों को प्रवेश केवल हनुमान मन्दिर चौराहा की ओर से मुख्य प्रवेश द्वार से दिया जाएगा और निकास केवल लाउदर रोड की ओर से होगा। इसके अलावा प्रयागराज संगम स्टेशन, दारागंज लगभग मेला क्षेत्र में ही होने के कारण मुख्य स्नान पर्वों के दिन बंद रहेगा।

गंतव्य स्टेशन की दिशा के मुताबिक आश्रय स्थल से होगी निकासी

महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज के सभी स्टेशनों पर 3000 से 4000 यात्रियों के रुकने की व्यवस्था के आश्रय स्थल बनाए गए हैं। इन यात्री स्थलों में श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य स्टेशन क मुताबिक अलग-अलग कलर कोड के आश्रय स्थलों में रुकवाया जाएगा। अनरिजर्वड या अनारक्षित टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रय स्थलों में बने टिकट काउंटर, ए.टी.वी.एम या मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी। तो वही रिजर्वड या आरक्षित यात्रियों को उनकी ट्रेन आने के 30 मिनट पहले ही प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति दी जाएगी। प्रयागराज रेल मण्डल भीड़ के अतिरिक्त दबाव को सही ढंग से मैनेज करने के सभी उपाय कर रहा है ताकि मेले मे किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।

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