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उत्तराखंड

स्टिंग प्रकरण में पूर्व सीएम पर भाजपा के प्रहार

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स्टिंग प्रकरण, पूर्व सीएम हरीश रावत, भाजपा के प्रहार, विधायकों की खरीद-फरोख्त मामला

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स्टिंग प्रकरण, पूर्व सीएम हरीश रावत, भाजपा के प्रहार, विधायकों की खरीद-फरोख्त मामला

Harish Rawat

देहरादून। पूर्व सीएम हरीश रावत विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में बनाई गई कथित सीडी में अपनी मौजूदगी को स्वीकार कर रहे हैं। इस मामले में अब भाजपा ने उन्हें घेर लिया है। भाजपाइयों ने पूर्व सीएम रावत पर निशाना साधा कि आखिर जब वो स्टिंग सीडी में मौजूद थे तो फिर उन्होंने झूठ क्यों बोला कि उनको फर्जी तरीके से फंसाया जा रहा है। गौरतलब है कि इस मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है। सीबीआई ने स्टिंग करने वाले उमेश कुमार से भी पूछताछ कर चुकी है। इस सीडी में रावत को विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए बातें करते हुए दिखाया गया है।

सबसे अहम बात यह है कि पूर्व सीएम ने स्वीकार कर लिया है कि सीडी में जो दिखाई दे रहा है वह स्वयं हैं। हालांकि अब भी बातचीत व आवाज के दावों को नकार रहे हैं। इसी बात को लेकर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मुन्ना सिंह चैहान ने कहा कि सीडी को लेकर कांग्रेस लगातार पिछले एक माह से झूठ बोल रही थी कि उसका इससे कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व सीएम के सलाहकारों के बीच में भी मारपीट हुई थी तो क्या वे भी इस मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने चाहते हैं। बहरहाल, स्टिंग मामले को लेकर पूर्व सीएम रावत की मुश्किलें बढ़ रही हैं। सीबीआई जांच में यदि स्टिंग साबित हो जाता है तो रावत व कांग्रेस की फजीहत हो सकती है।

 

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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