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उत्तराखंड

हरीश रावत के समर्थकों ने जीत पर पटाखे चलाए

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हरीश रावत के समर्थकों ने जीत पर पटाखे चलाए

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हरीश रावत के समर्थकों ने जीत पर पटाखे चलाए

देहरादून| केंद्र सरकार ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय को जैसे ही यह बताया कि उत्तराखंड में हरीश रावत की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के पास विधायी बहुमत है और राज्य में लगा राष्ट्रपति शासन हटा दिया जाएगा, यहां कांग्रेस कार्यालय में जमकर जश्न मनाया गया। मुख्यमंत्री हरीश रावत के समर्थकों ने सदन में शक्ति परीक्षण में जीत हासिल होने की खुशी में आतिशबाजी की।

अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने नई दिल्ली में सर्वोच्च न्यायालय को बताया, “मुझे निर्देश मिले हैं कि अगर यह अदालत हमें अनुमति देगी तो हम आज राष्ट्रपति शासन हटा लेंगे।”

रोहतगी ने कहा कि राज्य से राष्ट्रपति शासन हटने के बाद रावत के नेतृत्व वाली सरकार राज्य में कार्यभार संभाल सकती है।

उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को शक्ति परीक्षण हुआ था और परिणाम में कांग्रेस को स्पष्ट जीत हासिल हुई।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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