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प्रादेशिक

बिहार के कई गांव बाढ़ की चपेट में, प्रमुख नदियां उफान पर

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बिहार के कई गांव बाढ़ की चपेट में, प्रमुख नदियां उफान पर

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बिहार के कई गांव बाढ़ की चपेट में, प्रमुख नदियां उफान परपटना| बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण बिहार की सभी प्रमुख नदियां विभिन्न जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बिहार के सुपौल व मधुबनी जिले में बाढ़ आ गई है, जबकि सहरसा, खगड़िया और मोतिहारी सहित कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। कई जिलों में आबादी वाले क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। सुपौल में करीब 250 घर बाढ़ के पानी में बह गए। पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, बिहार की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्घि दर्ज की जा रही है। वीरपुर बैराज में कोसी नदी के जलस्तर में वृद्घि देखी जा रही है।

नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता विवेक मंडल ने सोमवार को आईएएनएस से बताया कि सुबह 10 बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 1.46 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया, जबकि वाल्मीकीनगर बैराज में गंडक का जलस्तर 1.66 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया।

बागमती ढेंग और सोनाखान में, जबकि महानंदा ढेंगराघाट में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंगा नदी में भी जलस्तर बढ़ने को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। गंडक, बूढ़ी गंडक समेत पहाड़ी नदियां तिलयुगा और बिहुल नदी भी उफान पर हैं।

मधुबनी जिले के झंझारपुर व मधेपुर प्रखंड के गढ़गांव, मैनाही, परियाही, बक्साटोल, गोबरगढा, बगेबा, भवानीपुर आदि गांवों के घरों में कोसी नदी का पानी प्रवेश कर गया है।

सुपौल जिले के छह प्रखंडों की 36 पंचायत क्षेत्र के 130 गांव कोसी नदी की बाढ़ से प्रभावित हैं।

सुपौल के जिलाधिकारी बैद्यनाथ यादव ने बताया कि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने 150 नावों की व्यवस्था की है तथा प्रशासन बाढ़ से निपटने को पूरी तरह तैयार है। कई स्थानों पर बाढ़ पभावित लोगों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

इस बीच, राज्य के जल संसाधन विभाग ने नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश को देखते हुए अलर्ट जारी किया है तथा अभियंताओं को सतर्क रहने और सभी तटबंधों की 24 घंटे निगरानी करने के आदेश दिए हैं।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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