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बिजनेस

चीन की उपभोक्ता महंगाई दर 6 साल के निचले स्तर पर

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चीन की उपभोक्ता महंगाई दर, 6 साल के निचले स्तर पर

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बीजिंग। चीन की 2015 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर कमजोर बनी हुई है। धीमी अर्थव्यवस्था के बीच कमजोर घरेलू मांग की वजह से सीपीआई दर में गिरावट जारी है और यह छह साल के निचले स्तर तक लुढ़क गई है। शनिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। राष्ट्रीय सांख्यिकीय ब्यूरो (एनबीएस) ने बयान जारी कर कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) 2014 की तुलना में दो प्रतिशत घटा है, जबकि 2013 की तुलना में इसमें 2.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है।

आकंड़ों के मुताबिक, सीपीआई महंगाई दर छह साल के निचले स्तर पर रही है और यह सरकार के 2015 के निर्धारित लक्ष्य से तीन प्रतिशत कम है। 2015 में खाद्य कीमतें 2.3 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि गैर खाद्य कीमतों में एक प्रतिशत का इजाफा हुआ है। हालांकि, महीने के आधार पर दिसंबर में सीपीआई दर में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एनबीएस के आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य कीमतों में इजाफे की वजह से 2014 की तुलना में सीपीआई दर में मामूली सुधार हुआ है। बारिश और बर्फबारी की वजह से उत्पादन बाधित हुआ है, जिससे सब्जियों और फलों की कीमतों में उछाल आया है।

 

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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