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आईपीसी में व्यापक बदलाव चाहते हैं राष्ट्रपति

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भारतीय दंड संहिता के 155वें साल, आइपीसी की व्यापक समीक्षा, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, आइपीसी एक जनवरी 1862 को लागू

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भारतीय दंड संहिता के 155वें साल, आइपीसी की व्यापक समीक्षा, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, आइपीसी एक जनवरी 1862 को लागू

कोच्चि। राष्ट्रद्रोह कानून पर देश में चल रही बहस के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 21वीं सदी की जरूरतों से निबटने के लिए आइपीसी की व्यापक समीक्षा का सुझाव दिया है। भारतीय दंड संहिता के 155वें साल के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रणब ने पुरानी पुलिस व्यवस्था में बदलाव को भी जरूरी बताया। आइपीसी को एक जनवरी, 1862 को लागू किया गया था। राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले 155 सालों के दरम्यान आइपीसी में मामूली बदलाव हुए हैं। अपराधों की पुरानी सूची में कुछ ही नाम और जोड़े गए हैं। यहां तक कि अपनी उपनिवेशीय जरूरतों के लिहाज से अंग्रेजों ने जिन कार्यो को अपराध बताया, वे अब तक मौजूद हैं। दूसरी तरफ, कुछ नए अपराधों को सही तरीके से परिभाषित करना होगा।

155 साल पुराना कानून है आईपीसी

उल्लेखनीय है कि जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने वाले छात्रों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला चलाने के बाद से आइपीसी की धारा 124-ए में व्यापक बदलाव की मांग की जा रही है। ऐसे में राष्ट्रपति के इस बयान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आर्थिक अपराधों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इसने समग्र विकास और राष्ट्रीय प्रगति को अवरुद्ध किया है। इसे देखते हुए आधुनिक युग के तमाम अपराधों को इसकी पेचीदगियों के साथ आपराधिक कानून के दायरे में लाना हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है।

केरल में राष्ट्रपति

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आज केरल को पहला डिजिटल राज्य घोषित करने और यूएल साइबर पार्क देश को समर्पित करने के साथ पांच अहम परियोजनाओं की शुरूआत करेंगे। अन्य दो परियोजनाओं में मुखर्जी केरल सरकार के सामाजिक न्याय विभाग के जेंडर पार्क देश को समर्पित करेंगे और राज्य सरकार के डिजिटल सशक्तिरण अभियान और कनिवु (करूणाशील केरल) की शुरूआत की जाएगी।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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