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प्रादेशिक

अवैध वसूली न रूकी तो जेलों में हो सकते हैं हादसे

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कारागार मुख्यालय में अफसरों की अवैध वसूली, जेलों पर कभी भी कोई हादसा

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कारागार मुख्यालय में अफसरों की अवैध वसूली, जेलों पर कभी भी कोई हादसा

लखनऊ। कारागार मुख्यालय में अफसरों की अवैध वसूली पर अंकुश नहीं लगाया गया तो प्रदेश की नैनी, कौशांबी समेत अन्य कई जेलों पर कभी भी कोई हादसा हो सकती है। विभाग के उच्चाधिकारियों की वसूली से कारागार विभाग के अधिकारी काफी त्रस्त है। इस विभाग में निलंबन से बहाली और विभागीय कार्रवाई को समाप्त करने के लिए बकायदा दाम निर्धारित किए गए है। इस अवैध वसूली की वजह से जेलों की हालत दिनों दिन बदतर होती जा रही है। दिलचस्प बात तो यह है कि वाराणसी जेल में जब अधिकारी पिट रहे थे उस वक्त विभाग के मुखिया क्रिकेट खेलने में व्यस्त थे। इसकी पुष्टि सम्पूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान के आसपास रहने वाले जेलकर्मियों ने की है।

प्रदेश की अतिसंवेदनशील जेलों में शामिल जिला जेल वाराणसी में शनिवार को बंदियों ने जमकर उपद्रव मचाया। इस उपद्रव के दौरान आक्रोशित बंदियों ने जेल में तैनात डिप्टी जेलर की पिटाई कर उसे लहुलूहान कर दिया।  सूत्र बताते हैं कि वर्तमान समय में जेलों की बदतर हालत के लिए विभाग के कुछ अधिकारी ही जिम्मेदार है। इसकी मुख्य वजह यह है कि यह उच्चाधिकारी आरोप के बाद हटाए गए उन्हीं अधिकारियों को उसी जेल पर तैनात कर दे रहे है जिन्हें आरोपों के बाद हटाया गया था। इसके साथ ही कई दागी अफसरों को जेेल अधीक्षक की शिकायत के बावजूद हटाया नहीं गया है। विभाग में विवादों में फंसे रहने वाले डिप्टी जेलर डीके सिंह कोे कौशांबी जेल पर तैनात है।

इस जेल अधिकारी के मनमाने रवैये से जेल के अन्य अधिकारी काफी त्रस्त है। इस अधिकारी के विवादों की फेहरिस्त काफी लंबी है। इसको हटाने के लिए जेल अधीक्षक ने कई बार विभाग के मुखिय आईजी जेल को कई बार पत्र लिखा लेकिन आज तक उसे हटाया नहीं गया। आईजी जेल को लिखे गए पत्र में यह भी आशंका व्यक्त की गई है कि इसके रहने से जेल में कभी भी कोई हादसा हो सकता है। इसी प्रकार केंद्रीय कारागार नैनी में पिछले दिनों लंबे समय से तैनात जेलर बीके मिश्रा को हटाया गया। विवादों में घिरे मिश्रा का तबादला देवरिया किया गया। प्रभार नहीं संभालने पर उसे विभाग के आईजी जेल ने निलंबित भी किया किंतु उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के बजाए जांच खत्म कर उसे पुनः नैनी जेल पर ही तैनात कर दिया गया। यह तो बानगी भर है इस प्रकार दर्जनों विवादित अधिकारियों का मनमाफिक स्थानांे पर तैनातियों ने जेलों की व्यवस्थाओं बदतर बना दिया है। उधर इस बाबत जब महानिरीक्षक कारागार डीएस चैहान से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नहीं उठा।

 

वाराणसी जेल में सामान्य हुए हालात

वाराणसी जिला जेल में रविवार को हालत सामान्य रहे। अन्य दिनों की तरह रविवार को आगंतुकों की शांतिपूर्ण तरीके से बंदियों की भेंट कराई गई। उधर बंदियों की पिटाई से लहलूहान हुए डिप्टी जेलर अजय कुमार राय की हालत में सुधार हो रहा है। नए जेेल अधीक्षक बीडी पांड ने रविवार को प्रभार संभाल लिया।

जेलमंत्री आज करेंगे वाराणसी जेल का निरीक्षण

प्रदेश के कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया सोमवार को वाराणसी की जिला जेल का निरीक्षण करेंगे। शनिवार को वाराणसी जेेल में सुविधा शुल्क लेकर उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं को लेकर जमकर बवाल किया था। इस घटना को लेकर विभागीय मत्री के निरीक्षण को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विभागीय मंत्री घटना स्थल का निरीक्षण करने के साथ बंदियों की समस्याओं को भी सुनेंगे।

 

 

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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