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उत्तराखंड

अदालती जंग जारी, अब सुनवाई 18 को

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कांग्रेस के बागी विधायकों के मामले में अदालती जंग जारी, अब सुनवाई 18 को, नैनीताल हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई, राष्ट्रपति शासन समेत अन्य याचिकाओं पर भी होगी सुनवाई

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कांग्रेस के बागी विधायकों के मामले में अदालती जंग जारी, अब सुनवाई 18 को, नैनीताल हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई, राष्ट्रपति शासन समेत अन्य याचिकाओं पर भी होगी सुनवाई

राष्ट्रपति शासन समेत अन्य याचिकाओं पर भी होगी सुनवाई

देहरादून। कांग्रेस के बागी विधायकों के मामले में उच्च न्यायालय ने 18 अप्रैल को अन्य याचिकाओं के साथ सुनने को कहा है। याचिकाकर्ता इंदिरा हृदेश ने यूनियन आॅफ इंडिया एवं अन्य को प्रतिवादी बनाते हुए न्यायालय से कहा था की एकलपीठ ने जो इन्हें मतदान करने का अधिकार दिया था उसपर रोक लगाई जाए। प्रतिवादी के अधिवक्ताओं ने न्यायालय से समय मांगा जिस पर न्यायालय ने राष्ट्रपति शासन समेत अन्य याचिकाओं के साथ मामले को 18 अप्रैल को सुनने को कहा है। अब आगामी 18 अप्रैल को बागी विधायकों के मामले सहित उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने संबंधी याचिका पर न्यायालय में सुनवाई होगी।

नैनीताल हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई

गौैरतलब है कि इससे पहले गुरुवार को हाईकोर्ट ने उत्तराखंड विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के एकलपीठ के आदेश को 19 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया है। राष्ट्रपति शासन लागू करने के मामले में बागी विधायकों के पक्षकार बनने की अर्जी को स्वीकार करते हुए उनके पक्ष पर शुक्रवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन अब अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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