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मुख्य समाचार

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में लगे ‘मोदी गो बैक’ के नारे

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र लखनऊ, बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह, 'मोदी गो बैक' के नारे

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लखनऊ| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से अपने गृहमंत्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र लखनऊ पहुंचे। यहां बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में छात्रों के एक गुट ने दीक्षांत समारोह के दौरान ‘मोदी गो बैक’ के नारे लगाए। सुरक्षाकर्मियों ने विरोध करने वाले छात्रों को तुरंत सभागार से बाहर निकाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीबीएयू के दीक्षांत समारोह में शिरकत करने पहुंचे। समारोह में उनके साथ लखनऊ से सांसद व देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल राम नाइक और लखनऊ के महापौर दिनेश शर्मा सहित कई लोग मौजूद थे।

तय कार्यक्रम के मुताबिक, प्रधानमंत्री हेलीकॉप्टर से बीबीएयू के परिसर में उतरे और दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। राजनाथ के उद्बोधन के बाद छात्रों व प्राध्यापकों को संबोधित करने के लिए मोदी जैसे ही डायस पर पहुंचे, छात्रों के कुछ गुटों ने ‘मोदी वापस जाओ..मोदी गो बैक’ के नारे लगाने लगे। छात्रों के अचानक विरोध से सुरक्षाकर्मियों के बीच खलबली मच गई। सुरक्षाकर्मियों ने नारेबाजी कर रहे छह छात्रों को खींचकर बाहर ले गए। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि छात्र प्रधानमंत्री का विरोध क्यों कर रहे थे। कयास लगाया जा रहा है कि हैदराबाद विश्वविद्यालय में एक दलित रिसर्च स्कॉलर की आत्महत्या के कारण यहां के छात्र भी आक्रोश में हैं।

रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला ने निलंबित किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली। चर्चा है कि केंद्रीय श्रममंत्री बंडारू दत्तात्रेय की सिफारिश पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने एबीबीपी नेताओं का विरोध करने वाले पांच शोधछात्रों के निलंबन का आदेश दिया था। भारी विरोध के बाद शुक्रवार को हैदराबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने चार शोधछात्रों का निलंबन वापस ले लिया है। प्रधानमंत्री मोदी दोपहर करीब दो बजे लखनऊ पहुंचे। एयरपोर्ट पर उनका स्वागत प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया। इस दौरान राज्यपाल राम नाइक और मुख्य सचिव भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री बीबीएयू के दीक्षांत समारोह के बाद दो और कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। इससे पहले, प्रधानमंत्री बनारस पहुंचे, जहां उन्होंने 9000 से अधिक विकलांगों को ट्राईसाइकिल बांटकर एक विश्व रिकॉर्ड बनाया। साथ ही वाराणसी और दिल्ली के बीच चलने वाली विशेष सुसज्जित रेलगाड़ी ‘महामना एक्सप्रेस’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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