उत्तराखंड
सूचना दिए बगैर अनुपस्थित चल रहे 19 शिक्षकों की सेवाएं समाप्त
देहरादून। उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों से बिना बताए पांच साल से अधिक समय से गायब चल रहे 19 शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। बर्खास्त किए गए शिक्षकों में 14 बेसिक और पांच माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक हैं। अब इनके स्थान पर अब नए शिक्षकों की नियुक्ति हो सकेगी।
प्रदेश के सरकारी बेसिक और माध्यमिक विद्यालयों में कई शिक्षक वर्षों से विभाग को बगैर किसी सूचना के अनुपस्थित चल रहे थे। इन शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से इनके स्थान पर न तो नई नियुक्तियां हो पा रही थी और न ही इनके स्थान पर अन्य शिक्षकों के तबादले हो पा रहे थे। इससे बच्चों की पढ़ाई का काफी नुकसान हो रहा था।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन टीचरों की सेवाएं समाप्त किए जाने से पहले इन्हें कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन इनकी ओर से न तो स्कूलों में उपस्थिति दर्ज कराई गई और न ही विभाग को इनकी ओर से कोई जवाब मिला। इसके बाद शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों की बर्खास्तगी की कार्रवाई की है।
जीआईसी कचटा गांगरो में प्रवक्ता मीनाक्षी रावत, जीआईसी बोरागाड में प्रवक्ता पवन कुमार बिजल्वाण, जीआईसी बूरा में प्रवक्ता मीनाक्षी वर्मा, जीआईसी बच्छुवावाण की रेखा एवं जीआईसी उर्गम के प्रवक्ता सोहनवीर की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। वहीं माध्यमिक के चार प्रवक्ताओं पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। इन प्रवक्ताओं को विभाग की ओर से नोटिस जारी किए गए हैं।
बेसिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने बताया कि स्कूलों से पिछले पांच साल से अधिक समय से बगैर सूचना के अनुपस्थित चल रहे बेसिक के 14 शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। वहीं सात शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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