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नेशनल

लोकसभा में सूखा व जल संकट का मुद्दा गूंजा

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लोकसभा, सूखा व जल संकट का मुद्दा, महाराष्ट्र का लातूर जिला, केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह

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लोकसभा, सूखा व जल संकट का मुद्दा, महाराष्ट्र का लातूर जिला, केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह

नई दिल्ली| देश में, खासकर महाराष्ट्र के लातूर जिले में सूखे और जल संकट का मुद्दा मंगलवार को लोकसभा में गूंजा। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र के मराठवाड़ा जिले में हालात ‘भयंकर’ हैं। केंद्र व राज्य सरकार, दोनों ही हालात से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने आठ जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया है। उन्होंने कहा कि 2,306 गांवों की हालत बेहद गंभीर है। कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने बाद में कहा कि महाराष्ट्र के जिले खासकर औरंगाबाद, लातूर, बीड, उस्मानाबाद, परभनी, हिंगोली, नांदेड़ तथा जलना सूखे से गंभीर रूप से प्रभावित हैं। कांग्रेस सांसद एम. वीरप्पा मोइली ने कहा कि तदर्थवाद, सूखा और जल संकट का हल नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली ने कहा कि देश में जल संकट के मद्देनजर, सरकार राष्ट्रीय आपदा नियमावली में बदलाव लाने पर विचार कर सकती है। बीजू जनता दल (बीजद) के सांसद कलिकेश सिंह देव ने कहा कि अधिकांश मामलों में विभिन्न राज्यों की मांग की तुलना में केंद्र सरकार की सहायता बेहद अल्प होती है।

देव ने कहा कि प्रभावित लोगों को राहत, मुआवजा तथा अन्य सहायता प्रदान करने में आ रही कमी ओडिशा सरकार के लिए मुसीबत बनी हुई है। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद सभी राज्यों को सूखा राहत आवंटन में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, “हमने कर्नाटक, ओडिशा तथा अन्य राज्यों को साल 2011-12 की तुलना में अधिक राशि आवंटित की है।” सिंह द्वारा यह कहे जाने पर कि महाराष्ट्र में बड़े-बड़े बांधों का निर्माण केवल चीनी मिलों के फायदे के लिए हुआ है, सत्ता व विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई। कृषि मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान कहा, “मैं भी मांग करता हूं कि इस पर चर्चा होनी चाहिए।” उन्होंने कहा, “बड़े-बड़े बांधों का निर्माण केवल चीनी फैक्ट्रियों के फायदे के लिए हुआ है। किसानों की बिल्कुल ही चिंता नहीं की गई है।” उनकी इस टिप्पणी के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सदस्य सुप्रिया सुले व कांग्रेस के सदस्य भड़क गए। सिंह ने कहा, “इसका अर्थ तो यही है कि आप सभी में सच्चाई का सामना करने का साहस ही नहीं है।”

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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