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बिजनेस

SBI ने RBI को दोटूक जवाब दिया, कहा- फिलहाल नहीं घटा सकते ब्याज दर

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मुंबई| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को जहां प्रमुख दरें पुराने स्तर पर बरकरार रखी तथा वाणिज्यिक बैंकों से दरों में अतिरिक्त कटौती करने की अपील की, वहीं देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा कि निकट भविष्य में वह ब्याज दर नहीं घटाने वाला है। एसबीआई की अध्यक्ष अरुं धति भट्टाचार्य ने कहा, “बैंक द्वारा की जाने वाली दर कटौती कई बातों पर निर्भर करेगी, जिसमें ऋण में वृद्धि भी शामिल है।”

आरबीआई ने मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर को 7.25 फीसद पर बरकरार रखा और एक बार फिर से कहा है कि आगे ब्याज दरों में कटौती तभी होगी, जब वाणिज्यिक बैंक पहले की गई कटौती का लाभ ग्राहकों को पहुंचाएंगे। राजन ने कहा, “जनवरी में की गई कटौती के बाद से बैंकों की औसत आधार ब्याज दर में लगभग 30 आधार अंकों की कटौती हुई, जो आरबीआई द्वारा की गई 75 आधार अंकों की कटौती का एक छोटा हिस्सा भर है।”

उन्होंने कहा, “2015-16 की तीसरी तिमाही में जब ऋण की मांग बढ़ेगी, तब बैंकों को दर घटाने में अधिक फायदा नजर आएगा, ताकि वे अधिकाधिक ऋण दे सकें।” उन्होंने कहा कि तरलता कोई समस्या नहीं होगी, क्योंकि सरकार ने बैंकों में अतिरिक्त निवेश का फैसला किया है। भट्टाचार्य ने कहा कि रिजर्व बैंक ने जब रेपो दर 75 आधार अंक बढ़ाई थी, तब एसबीआई ने अपनी दर 30 फीसदी बढ़ाई थी और अब जब रिजर्व बैंक की दर 75 आधार अंक घटी है, तो एसबीआई ने भी 30 आधार अंक दर घटा दी है।

भारतीय उद्योग परिसंघ ने कहा कि ऋण की मांग कम है और कंपनियां और बैंक तनावग्रस्त संपत्ति से जूझ रहे हैं, ऐसे में दर घटाना निवेश चक्र को पटरी पर लाने के लिए वाजिब होता। परिसंघ ने कहा, “परिसंघ को उम्मीद है कि अगली नीति समीक्षा में आरबीआई दरों में कटौती करेगा, क्योंकि तब तक महंगाई के परिदृश्य, मानसून की स्थिति और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति में स्पष्टता आ जाएगी।”

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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