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बिजनेस

एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस नया बिजनेस प्रीमियम बढ़ने की उम्मीद

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एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस नया बिजनेस प्रीमियम बढ़ने की उम्मीद

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एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस नया बिजनेस प्रीमियम बढ़ने की उम्मीद

कोलकाता| एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस को 2016-17 में नए बिजनेस प्रीमियम में 30-40 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है। यह बात कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही। कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजिरित बसु ने कहा, “हमें मौजूदा वित्त वर्ष में नए बिजनेस प्रीमियम में 30-40 फीसदी वृद्धि और कुल प्रीमियम में 25-26 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है।”

उन्होंने कहा कि कंपनी अपने विकास के लिए बैंकिंग और एजेंसी चैनल पर ध्यान देती रहेगी। कंपनी ने 2015-16 में नए बिजनेस प्रीमियम में 29 फीसदी वृद्धि दर्ज की थी और व्यक्तिगत नवीन बिजनेस प्रीमियम में 37 फीसदी वृद्धि दर्ज की थी।

बसु ने कहा, “इस वृद्धि का श्रेय बैंकिंग और एजेंसी चैनल के प्रदर्शन को जाता है। एजेंसी चैनल से होने वाली बिक्री गत वर्ष 12-13 फीसदी बढ़ी और बैंकिंग चैनल में भी शानदार वृद्धि दर्ज की गई।” उन्होंने कहा, “हम एजेंसी चैनल में इस साल 20 फीसदी और बैंकिंग चैनल में 50 फीसदी से अधिक वृद्धि दर्ज करना चाहते हैं।”

उन्होंने कहा कि बीमा कंपनी इस महीने के अंत तक अत्यधिक आय वाले व्यक्तियों के लिए नया यूलिप उत्पाद पेश करना चाहती है। वित्त वर्ष 2015-16 में कंपनी की कुल प्रीमियम आय 15,825 करोड़ रुपये रही थी, जिसमें से 7,107 करोड़ रुपये नवीन बिजनेस प्रीमियम आय थी और नवीनीकरण प्रीमियम का हिस्सा 8,719 करोड़ रुपये था।

बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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