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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में 1 फीसदी तेजी

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सेंसेक्स, निफ्टी में 1 फीसदी तेजी

मुंबई| देश के शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों में पिछले सप्ताह लगभग एक फीसदी तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 0.94 फीसदी यानी 234.75 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 24,952.74 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 1.25 फीसदी यानी 94.15 अंकों की तेजी के साथ 7,604.35 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के 30 में से 20 शेयरों में पिछले सप्ताह तेजी रही। भेल (9.36 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (7.74 फीसदी), गेल (7.17 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (5.93 फीसदी) और एक्सिस बैंक (5.70 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे ल्युपिन (16.08 फीसदी), कोल इंडिया (6.71 फीसदी), सन फार्मा (5.98 फीसदी), एचडीएफसी (2.68 फीसदी) और एशियन पेंट्स (2.37 फीसदी)।

मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी रही। मिडकैप 0.29 फीसदी या 29.67 अंकों की तेजी के साथ 10,300.37 पर और स्मॉलकैप 0.30 फीसदी या 30.77 अंकों की तेजी के साथ 10,308.76 पर बंद हुआ।

सोमवार 14 मार्च को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश की उपभोक्ता महंगाई दर फरवरी 2016 में घटकर 5.18 फीसदी दर्ज की गई, जो एक महीने पहले 5.69 फीसदी थी। वहीं थोक महंगाई दर लगातार 16वें महीने नकारात्मक दायरे में दर्ज की गई। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित थोक महंगाई दर फरवरी 2016 में नकारात्मक 0.91 फीसदी दर्ज की गई, जो एक महीने पहले नकारात्मक 0.90 फीसदी थी और एक साल पहले समान अवधि में नकारात्मक 2.17 फीसदी थी।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गत सप्ताह अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं करते हुए इस साल के अंत तक बढ़ोतरी करने की संभावना का संकेत दिया।

बुधवार 16 मार्च को मौद्रिक नीति की दो दिवसीय बैठक समाप्त होने के बाद जारी बयान में फेड ने कहा, “हाल के महीनों में वैश्विक आर्थिक और वित्तीय घटनाक्रमों के बाद भी अमेरिकी आर्थिक गतिविधि में धीमी गति से और निरंतर विस्तार हो रहा है। लेकिन खतरा अभी टला नहीं है।” फेड ने दिसंबर में दरों में बढ़ोतरी की थी। उस वक्त ब्याज दर को 25 आधार अंक बढ़ाकर 0.25-0.50 फीसदी कर दिया गया था। यह वृद्धि करीब एक दशक बाद की गई थी।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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