Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में एक फीसदी से अधिक तेजी

Published

on

Loading

मुंबई| देश के शेयर बाजार में पिछले संक्षिप्त सप्ताह में एक फीसदी से अधिक तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 1.25 फीसदी यानी 319.49 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 25,838.71 पर बंद हुआ। बाजार शुक्रवार 25 दिसंबर को क्रिसमस के अवसर पर बंद था। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 1.28 फीसदी यानी 99.1 अंकों की तेजी के साथ 7,861.05 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 28 में तेजी रही। गेल (6.54 फीसदी), भारती एयरटेल (6.03 फीसदी), ओएनजीसी (4.79 फीसदी), एक्सिस बैंक (4.23 फीसदी) और भेल (3.39 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स के दो शेयरों अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (0.67 फीसदी) और मारुति (0.56 फीसदी) में गिरावट रही।

गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी रही। मिडकैप 0.91 फीसदी या 98.92 अंकों की तेजी के साथ 11,018.17 पर और स्मॉलकैप 1.72 फीसदी या 198.73 अंकों की तेजी के साथ 11,730.59 पर बंद हुआ।

मंगलवार 22 दिसम्बर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी एक आंकड़े के मुताबिक देश का चालू खाता घाटा (सीएडी) मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.6 फीसदी यानी 8.2 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 10.9 अरब डॉलर था।

रिजर्व बैंक ने दूसरी तिमाही के लिए भुगतान संतुलन के आंकड़े जारी करते हुए कहा, “चालू खाता घाटा कम रहने का प्रमुख कारण यह है कि व्यापार घाटा गत एक साल में 39.7 अरब डॉलर से घटकर 37.4 अरब डॉलर दर्ज किया गया।” चालू खाता घाटा हालांकि प्रथम तिमाही में जीडीपी का 1.2 फीसदी था।

बुधवार 23 दिसम्बर को इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्शी संहिता विधेयक संसद की एक संयुक्त प्रवर समिति के हवाले कर दिया गया। समिति अगले वर्ष बजट सत्र के प्रथम सप्ताह के आखिरी दिन अपनी रपट सौंपेगी।

विधेयक में दिवालिया घोषित किए जाने की प्रक्रिया में लगने वाली अवधि कम करने और कंपनियों को दिए गए कर्ज की बेहतर वसूली सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है। विधेयक के तहत प्रक्रिया में लगने वाली अवधि को 180 दिनों में सीमित करने का प्रस्ताव है, जिसे अतिरिक्त 90 दिनों के लिए बढ़ाया जा सकेगा।

बुधवार को ही भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने कहा कि सभी बीमा कंपनियों को अगले साल 18 जनवरी तक भारतीय स्वामित्व और भारतीय नियंत्रण की शर्तो पर खरा उतरना होगा।

इरडा के वित्त और निवेश सदस्य वी.आर. अय्यर ने बुधवार को बीमा कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को भेजे पत्र में कहा कि कंपनियों का इस तिथि तक अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending