उत्तराखंड
हाईप्रोफाइल सैक्स रैकेट का खुलासा
फेसबुक-व्हाट्सअप के जरिये होती थी डील
देहरादून। एसओजी और पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने एमडीडीए कॉलोनी में छापा मारकर सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने महिला समेत दो संचालकों को गिरफ्तार कर सात युवतियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को यहां से एक डायरी भी मिली है, जिसमें पूरे गोरखधंधे का हिसाब-किताब दर्ज है।
सहायक पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट ने बताया कि पटेलनगर की एमडीडीए कॉलोनी में देह व्यापार की शिकायतों के मद्देनजर एसओजी और पटेलनगर पुलिस की संयुक्त टीम गठित की गई थी।
आज सुबह दस बजे एएसपी तृप्ति भट्ट की अगुआई में एसओजी व पटेलनगर पुलिस ने कालोनी के फ्लैट नम्बर 33 एच में दबिश दी तो वहां एक पुरुष व आठ युवतियां पाई गईं। सभी गिरफ्तार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश कर दिया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।
संचालक लड़कियों को एक हफ्ते के लिए शक्ल व कद-काठी के हिसाब से 20 से 30 हजार रुपये का भुगतान करते थे। यह रकम युवतियों को पहले ही दे दी जाती थी। इसके बाद संचालक एक हफ्ते में जितनी भी कमाई करते थे, वह उनका होता था। ये लोग फेसबुक एवं व्हाट्सअप के जरिए ग्राहकों की तलाश करते थे।
इसके साथ ही पुराने कस्टमर के माध्यम से भी नए लोगों को लड़कियां मुहैया करायी जाती थी। सहायक पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस सेक्स रैकेट का संचालन करने वाले पहले भी इस गोरखधंधे में शामिल रहे हंै। इस नेटवर्क के बारे में कुछ और जानकारियां मिली हैं, जिनकी पड़ताल की जा रही है। मौके से एक डायरी भी मिली है, उसका भी अध्ययन कराया जा रहा है। पूरी डायरी बंगला भाषा में लिखी गई है।
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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