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प्रादेशिक

उप्र विस चुनाव में पूर्वांचल के 27 जिलों में उम्मीदवार उतारेगी पीपीपी

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उप्र विस चुनाव 2017, पूर्वांचल के 27 जिले, उम्मीदवार उतारेगी पूर्वांचल पीपुल्स पार्टी

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लखनऊ| उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) भी 27 जिलों में अपने उम्मीदवार उतारेगी। पीपीपी उप्र के अलावा असम में होने वाले विधानसभा चुनाव भी लड़ेगी।  ज्ञात हो कि इस पार्टी को अभी तीन दिन पहले ही चुनाव आयोग ने मान्यता प्रदान की है। पीपीपी के अध्यक्ष अनूप पांडेय ने शुक्रवार को लखनऊ प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में ये बातें कही। उन्होंने कहा कि पीपीपी का गठन पूर्वांचल के विकास और अलग पूर्वांचल राज्य के लिए किया गया है। इसका उद्देश्य है कि पूर्वांचल के 27 जिलों को मिलाकर एक अलग राज्य का गठन किया जाए।पांडेय ने सभी राजनीतिक दलों पर पूर्वांचल के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल इस बात का जवाब दें कि जिस तरह का विकास गाजियाबाद और नोएडा में हो रहा है, उसी तरह का विकास गाजीपुर और बलियां जैसे जिलों में क्यों नही हो रहा।

पांडेय ने सवाल उठाया कि पूर्वांचल के लोग देश के विकास में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन विकास के पैमाने पर पूर्वांचल अति पिछड़ा क्यों है। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल में पिछड़ेपन की वजह से ही यहां के लोगों को काम के लिए मुंबई और दिल्ली पलायन करना पड़ रहा है, और वहां भी उन्हें तिरस्कार ही मिलता है। पूर्वांचल राज्य बनने के बाद उप्र के ये पिछड़े जिले भी विकास के पथ पर दौड़ने लगेंगे। पांडेय ने कहा कि वर्ष 2017 में होने वाले चुनाव में पार्टी पूरे दम-खम के साथ मैदान में उतरेगी। पार्टी केवल तीन दिन पुरानी है। इसके पदाधिकारियों के चयन का काम पूरा कर लिया गया है। जल्द ही एक अहम बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया जाएगा। पीपीपी अध्यक्ष ने यह भी कहा कि जिन राज्यों में पूरबिया लोग हैं, पार्टी वहां चुनाव लड़ेगी। पीपीपी दिल्ली, महाराष्ट्र के साथ ही पूवरेत्तर राज्यों में भी हर चुनाव में हिस्सा लेगी।

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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