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VALENTINE WEEK: ऐसे हुई थी ‘टैडी डे’ मनाने की शुरुआत, जरूर जानें ये बातें
नई दिल्ली। प्यार एक खूबसूरत एहसास है वैसे तो आपको अपना प्यार जाहिर करने के लिए किसी स्पेशल डेट या प्लान की जरुरत नहीं पड़नी चाहिए लेकिन, जैसे हर त्याहारों को मानाने का अपना एक अलग महीना और तारीखें तय होती है। ठीक वैसे प्यार जैसे पवित्र एहसास को महसूस करने के लिए भी कुछ स्पेशल दिन बनाए गए हैं।
तो जैसा की हम सभी फ़रवरी माह में आ चुके है तो, आज है प्यार के इस हफ्ते का 5वां दिन यानी की ‘टैडी डे’, ऐसे में बॉयफ्रेंड के बाद टेडी ही लड़कियों का साथी होता है तो इस दिन आप उन्हें टेडी जरूर गिफ्ट करें।
साथ ही साथ आप उसे ये भी बताएं कि टेडी डे मानाने की शुरुआत कैसे हुई थी उससे वो आपको और अधिक स्मार्ट समझेगी और हमेशा आप दोनों का साथ बरकरार रहेगा
‘टैडी डे’ मनाने का शुरुआत-
पूरे विश्व में मनाए जाने वाले प्यार के उत्सव वैलेंटाइन वीक में टैडी भी विशेष हिस्सा कैसे बना यह भी काफी रोचक है। ब्रिटेन सेना के जांबाज अफसर सर राबर्ट क्लार्क दूसरे विश्व युद्ध के दौरान दुश्मन के क्षेत्र में गए व बंदी भी रहे तो उन्होंने बचपन के टैडी ट्वॉय को अपने से अलग नहीं होने दिया। अमरीका, कनाडा, ग्रेट ब्रिटेन, जापान और जर्मनी में टैडी बीयर उत्सव खास लोकप्रिय है।
दुनिया का पहला टैडी बीयर म्यूजियम 1984 में इंगलैंड के पीटरफील्ड, हैंपियर में स्थापित किया गया। टैडी की मासूमियत के कारण वह कई हस्तियों का यह प्रिय ट्वॉय रहा है। इसकी लोकप्रियता के कारण प्यार के हफ्ते में भी इसे विशेष स्थान दिया गया है।
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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश
शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।
क्या है पूरा मामला?
एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।
परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।
जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।
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