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अतीत के पन्नों में छिपा है 26 जनवरी का इतिहास, क्या जानते हैं आप?

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नई दिल्ली। आज देश अपना 69वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। आज से लगभग 68 साल पहले 26 जनवरी 1950 को सुबह 10.18 मिनट पर भारत का संविधान लागू हुआ था। इसके ठीक 6 मिनट बाद पहले भारत के राष्ट्रपति के तौर पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने शपथ ली थी।

Image result for 26 january special story hindiजहां एक ओर इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था, तो वहीँ इतिहास के पन्नों में 26 जनवरी का एक अलग ही महत्व और अतीत देखने को मिलता है।

तो आइए जानते हैं किस तरह से भारत के लिए 26 जनवरी खास है।

26 जनवरी 1956-

साल 1956 में मुगल सम्राट बाबर के पुत्र हुमायूं की मृत्यु हो गई थी।

26 जनवरी 1930-

ब्रिटिश शासन के अंतर्गत भारत में पहली बार स्वराज दिवस मनाया गया।

26 जनवरी 1931

‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ के दौरान ब्रिटिश सरकार से बातचीत के लिए महात्मा गांधी रिहा किए गए थे।

26 जनवरी 1949-

संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को भारत का संविधान सुपूर्द किया। इस दिन भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ था।

26 जनवरी 1950- भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित हुआ और भारत का संविधान लागू हुआ।

26 जनवरी 1950-

स्वतंत्र भारत के पहले और अंतिम गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने अपने पद से त्यागपत्र दिया और डा. राजेंद्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति बने।

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26 जनवरी 1950

अशोक स्तंभ को राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न के रूप में अपनाया गया।

26 जनवरी 1963-

मोर के अद्भुत सौंदर्य के कारण भारत सरकार ने 26 जनवरी को इसे राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया।

26 जनवरी 1972

दिल्ली के इंडिया गेट पर राष्ट्रीय स्मारक अमर जवान ज्योति को स्थापित किया गया।

26 जनवरी 1981

पूर्वोत्तर भारत में हवाई यातायात सुगम बनाने को ध्यान में रखते हुए हवाई सेवा वायुदूत प्रारम्भ हुई।

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26 जनवरी 1982

पर्यटकों को विलासितापूर्ण रेल यात्रा का आनंद दिलाने के लिए भारतीय रेल ने पैलेस ऑन व्हील्स सेवा शुरू की।

26 जनवरी 2001-

गुजरात के भुज में 7.7 तीव्रता का भीषण भूकंप, जिसमें में हजारों लोग मारे गए।

26 जनवरी 2008-

59वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने परेड की सलामी ली।

Related image26 जनवरी 2008-

एन.आर. नारायणमूर्ति को फ्रांस सरकार के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑफिसर ऑफ द लीजन ऑफ ऑवर’ से सम्मानित किया गया।

विश्व इतिहास में कैसे महत्वूपर्ण है 26 जनवरी-

26 जनवरी 1666-

फ्रांस ने इंग्लैड के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।

26 जनवरी 1845-

ब्रिटिश जनरल चार्ल्स गार्डन सूडान में मारे गए।

Image result for 26 january special story hindi26 जनवरी 1931-

हंगरी और ऑस्ट्रिया ने ‘शांति संधि’ पर हस्ताक्षर किए।

26 जनवरी 1934-

जर्मनी और पौलैंड के बीच दस वर्षीय अनाक्रमण संधि हुई।

26 जनवरी 1981-

वायुदूत हवाई सेवा की शुरुआत हुई।

Image result for 26 january special story hindi26 जनवरी 1990-

रोमानिया के उपराष्ट्रपति डी. माजिलू ने इस्तीफा दे दिया।

26 जनवरी 1999-

महिलाओं के यौन शोषण पर विश्व सम्मेलन का ढाका (बंगलादेश) में आयोजन हुआ।

26 जनवरी 2000-

कोंकण रेलवे परियोजना पूर्ण हुई और प्रथम यात्री गाड़ी चलाई गई।

Image result for 26 january special story hindi26 जनवरी 2004-

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने माइक्रोसॉफ्ट अध्यक्ष बिल गेट्स को ‘नाइट’ की उपाधि प्रदान करने की घोषणा की थी।

26 जनवरी 2006-

Image result for 26 january special story hindiफिलीस्तीन में हुए चुनावों में हमास ने ज़्यादातर सीटों पर कब्जा किया था।

 

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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