ऑफ़बीट
अब आएगी बुलेट ट्रेन की बाप, नाम है हाइपरलूप
एक घंटे में पहुंचाएगी मुंबई से चेन्नई
नई दिल्ली। बुलेट ट्रेन परियोजना का फीता कटते ही एक नई परियोजना सामने आई है। हाइपरलूप नाम की यह नई योजना परिवहन साधनों में क्रांति मानी जा सकती है। देश के मुंबई-चेन्नई, बेंगलूर-चेन्नई में हाइपरलूप चलाने का प्रस्ताव है। हाइपरलूप के द्वारा मुंबई-चेन्नई तक 1102 किलोमीटर की दूरी को सिर्फ 63 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। वहीं बेंगलूर से चेन्नई तक हाइपरलूप यात्रियों और माल को सिर्फ 23 मिनट में पहुंचा देगी।
अनोखी टेक्नोलॉजी
भविष्य में ट्रेन के सफर के तरीके और समय में बड़ा बदलाव आ सकता है। ये संभव होगा हाइपरलूप तकनीक से। इस टेक्नोलॉजी को अमेरिकी कंपनी टेस्ला और स्पेस एक्स ने मिलकर इसे शुरू किया है। दरअसल हाईपरलूप एक सील ट्यूब की सीरीज होती है जिसके जरिए किसी भी घर्षण और हवा के रुकावट के बिना लोगों को एक जगह से दूसरी जगह की यात्रा कराई जा सकती है। इसमें ट्रेन के समान ही लोगों के बैठने के लिए जगह होगी।
हाइपरलूप के लिए कंपनी ने भारत समेत केवल पांच देशों को फाइनल किया है। इसमें भारत के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, मैक्सिको और कनाडा जैसे देश शामिल हैं। इसके लिए भारत में दो अलग-अलग रूटों की पहचान की गई है जिन पर हाइपरलूप टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से सबसे तेज रफ्तार की यात्रा सुनिश्चित की जाएगी।
हाइपरलूप ने बताया कि एईसीओएम इंडिया का चयन बेंगलुरु-चेन्नई के बीच 334 किमी में और हाइपरलूप इंडिया का चयन मुंबई-चेन्नई के बीच 1,102 किमी में लो-प्रेसर ट्यूब के अंदर पॉड जैसे वाहन का परिचालन सुनिश्चित करने के लिए किया गया है।
जिन 5 देशों के 10 जगहों को इसके लिए चुना गया है अब इनके प्रतिनिधि और टीम अब हाइपरलूप वन के साथ काम करेंगी और इन 10 जगहों पर ट्रैक बनाने के लिए गहन अध्यन करेंगी। क्योंकि इस प्रपोजल को असलियत में लाने के लिए काफी कुछ किया जाना बाकी है।
ऑफ़बीट
बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन
चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.
लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.
महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’
राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”
-
मनोरंजन3 days ago
क्या श्वेता तिवारी ने कर ली है तीसरी शादी, जानें इस खबर की सच्चाई
-
नेशनल3 days ago
धीरेन्द्र शास्त्री की एकता यात्रा आज से शुरू, सीएम मोहन यादव और भोजपुरी सिंगर खेसारी लाल यादव ने भेजी शुभकामनाएं
-
नेशनल3 days ago
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
-
ऑफ़बीट3 days ago
IND VS AUS: ताश के पत्तों की तरह बिखरा भारत का बैटिंग आर्डर, पूरी टीम 150 रनों पर ढेर
-
छत्तीसगढ़3 days ago
सीएम विष्णुदेव साय ने देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’, पत्नी भी थीं साथ
-
Success Story3 days ago
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
-
नेशनल2 days ago
आज शाम दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय जाएंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित
-
ऑफ़बीट2 days ago
बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन