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मुख्य समाचार

असम में तटबंध मरम्मत का कार्य समय पर पूरा नहीं

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धुबरी(असम), 1 मई (आईएएनएस)| असम सरकार का जल संसाधन विभाग राज्य में नदियों पर तटबंध मरम्मत का काम समय पर पूरा नहीं कर पाया है, जिस वजह से आगामी मॉनसून से पहले बाढ़ वाले क्षेत्रों के निवासियों के बीच डर और दशहत का माहौल है। फरवरी में, मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने विभाग को 30 अप्रैल तक तटबंधों के मरम्मत संबंधी काम पूरे करने के लिए कहा था।

असम में लगभग 5000 किलोमीटर लंबा तटबंध है, जिसे 1950 के आसपास बनाया गया था। इसमें से अधिकांश हिस्सा खराब रखरखाव की वजह से क्षतिग्रस्त हो गया है और बाढ़ के दौरान इन क्षतिग्रस्त तटबंधों में से पानी प्रवेश कर जाता है।

धुबरी जिले के कालाडोबा निवासी इकरामुल हुसैन ने कहा, हमने जल संसाधन विभाग को तटबंधों के मरम्मत के लिए मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आदेश के बारे में सुना था। हालांकि यहां कुछ भी नहीं बदला। मरम्मत कार्य शुरू होना अभी बाकी है।

उन्होंने कहा, गंगाधर नदी पर तटबंध के मरम्मत का कार्य बहुत पहले शुरू हुआ था, जिसे अभी भी पूरा किया जाना बाकी है। कांट्रैक्टर ने वहां केवल बालू गिरा दिया, जो कि बाढ़ को रोकने के लिए नाकाफी है।

एक अन्य ग्रामीण ने कहा, हर वर्ष हम बाढ़ और कटाव को झेलते हैं। बड़ी मात्रा में कृषि योग्य भूमि का पहले ही कटाव हो चुका है। कई किसान अपनी आय के श्रोत खो दिए हैं। सरकार हरवर्ष तटबंध के मरम्मत और जमीनों को कटने से बचाने के लिए काफी धन खर्च करती है। लेकिन हमलोग प्रत्येक वर्ष इसके पीड़ित बनते हैं।

उन्होंने कहा, हम इसका स्थायी समाधान चाहते हैं। प्रत्येक वर्ष हमें अपना घर खाली करना होता है और हम कई दिनों के लिए विस्थापित हो जाते हैं। दोबारा घर बनाना कठिन होता है। हमने बड़ी मात्रा में भूमि को खोने के अलावा अपने लोगों और पशुओं को भी खोया है।

इसबीच, राज्य के जल संसाधन मंत्री केशब महंता ने हाल ही में दावा किया था कि पिछले वर्ष मॉनसून के समय क्षतिग्रस्त हुए 26 तटबंधों के मरम्मत का कार्य पूरा हो चुका है।

असम सरकार के अनुसार, पिछले वर्ष मॉनसून के समय राज्य को करीब 2,939 करोड़ रुपये की हानि हुई थी और 29 जिलों के करीब 25 लाख लोग प्रभावित हुए थे। बाढ़ की वजह से 1,012 सड़कों को भी नुकसान पहुंचा था।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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