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प्रादेशिक

आंध्र को लाल चंदन नीलामी से 1000 करोड़ रुपये हासिल

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हैदराबाद। आंध्र प्रदेश के शेषाचालम के जंगलों में पाई जाने वाली कीमती लाल चंदन लकड़ी की गत वर्ष की गई वैश्विक नीलामी से 1,000 करोड़ रुपये से अधिक आय हुई। सरकार ने दिसंबर 2014 में 4,160 टन लकड़ी की ई-नीलामी की थी, जो हाल के वर्षो में तस्करों से जब्त की गई थी।

वन विभाग ने तीन किस्म के लाल चंदन की नीलामी की, जो औसत 27.41 लाख रुपये प्रति टन की दर से बिकी। विदेश व्यापार महानिदेशक ने राज्य को 8,854 टन लकड़ी की बिक्री और निर्यात करने की अनुमति दी थी, लेकिन राज्य ने 4,160 टन की ही नीलामी करने का फैसला किया। शेष लकड़ी की नीलामी 2015 में की जाएगी। नीलामी से पहले राज्य सरकार ने चीन और जापान में रोड शो किए थे, जहां इसे अच्छी कीमत मिलती है।

राज्य सरकार नीलामी से हासिल आय का 30 फीसदी हिस्सा लाल चंदन वन के संरक्षण पर और शेष राशि का उपयोग कृषि ऋण की माफी पर करना चाहती है। ‘प्रकृति संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ’ (आईयूसीएन) की सूची में लाल चंदन को लुप्तप्राय श्रेणी में रखा गया है। इसकी कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रति टन 25 लाख रुपये है। इसका उपयोग मुख्यत: कामोत्तेजक औषधि तथा संगीत वाद्ययंत्र या फर्नीचर बनाने में होता है।

उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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