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बिजनेस

आंध्र में अशोक लेलैंड के नए बस संयंत्र का निर्माण शुरू

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नई दिल्ली, 31 मार्च (आईएएनएस)| हिंदुजा समूह की प्रमुख कंपनी अशोक लेलैंड ने शनिवार को आंध्र प्रदेश में अपने बस संयंत्र के निर्माण की शुरुआत की घोषणा की। कंपनी ने एक बयान में कहा कि एक ऐसी ग्रीनफील्ड फैक्ट्री पर काम शुरू कर दिया गया है, जो आंध्रप्रदेश में अशोक लेलैंड का पहला संयंत्र होगा। कृष्णा जिले के मल्लवल्ली गांव के मॉडल औद्योगिक पार्क में मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और अशोक लेलैंड के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनोद के. दासारी ने संयंत्र के निर्माण की आधारशिला रखी।

बयान में कहा गया कि विजयवाड़ा से 40 किलोमीटर दूर आंध्रप्रदेश के कृष्णा जिले में स्थित यह अशोक लीलैंड संयंत्र 75 एकड़ में फैला होगा और इसमें अशोक लेलैंड ब्रांड के उच्च गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने के लिए नवीनतम तकनीक शामिल होगी। एक बार पूर्ण रूप से तैयार हो जाने के बाद संयंत्र प्रतिवर्ष 4800 बसों का उत्पादन करने में सक्षम होगा और इसमें एक अत्याधुनिक लर्निग सेंटर और एक उन्नत सेवा प्रशिक्षण केंद्र भी तैयार किया जाएगा।

कंपनी ने कहा कि इस संयंत्र की स्थापना से आंध्र प्रदेश रोजगार के लिए तैयार कार्यबल के कौशल स्तर में वृद्धि करने में मदद मिलेगी और इसमें 5,000 से ज्यादा कर्मचारियों को रोजगार देने की क्षमता होगी। इसमें अशोक लेलैंड ब्रांड की पूरी रेंज बनाने की क्षमता होगी, इस सुविधा में एक इलेक्ट्रिक वाहन विकास केंद्र भी शामिल होगा, जिसमें फ्यूचरिस्टिक कन्वेयर लाइन, पायलट असेंबली लाइन और प्रोटोटाइप विकास शामिल हैं। यह एक पूर्ण पर्यावरण हितैषी फेसिलिटी होगी, जिसमें छत पर सौर पैनल, एलईडी प्रकाश व्यवस्था, संयंत्र में आने-जाने के लि बैटरी चालित वाहन, पॉजिटिव वाटर बैलेंस और जीरो डिस्चार्ज आदि शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा, आज हमारे लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। हम अशोक लेलैंड जैसी स्थापित कंपनी की ओर से आंध्र प्रदेश में एक फैक्ट्री की स्थापना को लेकर उत्साहित हैं। यह हमारे तेजी से विस्तार कर रहे विनिर्माण केंद्र के लिए एक और उपलब्धि है। यह कारखाना न केवल हमारे युवाओं को रोजगार प्रदान करेगा, बल्कि क्षेत्र में हमारे लोगों के कौशल स्तर और समग्र अर्थव्यवस्था में सुधार करने में मदद करेगा।

अशोक लेलैंड के अध्यक्ष धीरज जी. हिंदुजा ने कहा, हिंदुजा ग्रुप को गर्व है कि इसकी प्रमुख कंपनी अशोक लेलैंड ने अपने नवीनतम संयंत्र के लिए आंध्र प्रदेश जैसे जीवंत राज्य को चुना है। अशोक लेलैंड देश में जन-गतिशीलता के मामले में सबसे आगे रहा है। इस नए संयंत्र के साथ, हम भविष्य के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं।

अशोक लेलैंड के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनोद के. दासारी ने कहा, यह सुविधा हमें वक्त से आगे रहने में मदद करेग। इससे हम न केवल बस बॉडी कोड के क्रियान्वयन की तत्परता सुनिश्चित करेंगे, बल्कि उपयोग के लिए तैयार, फुल-बिल्ट ट्रक की बढ़ती मांग को भी पूरा कर सकेंगे। हम इस संयंत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन भी करेंगे। मध्य, पूर्व और दक्षिणी भारत के बाजारों की मांगों को पूरा करने के लिए यह नया संयंत्र रणनीतिक रूप से बिलकुल सही जगह तैयार किया जा रहा है।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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