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खेल-कूद

आईएसएल-4 : चेन्नयन एफसी की घर में हार, गोवा का विजयी आगाज

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चेन्नई, 19 नवंबर (आईएएनएस)| दो कड़ी प्रतिद्वंद्वी टीमों-चेन्नयन एफसी और एफसी गोवा के बीच रविवार को इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के चौथे सीजन के राउंड रोबिन मैच में जितनी प्रतिस्पर्धा की उम्मीद थी, उतनी देखने को नहीं मिली। गोवा ने जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में खेले गए इस मैच में चेन्नयन एफसी को 3-2 से हराया। एक समय लग रहा था कि गोवा इस मैच को 3-0 से जीत लेगी, लेकिन दूसरे हाफ में मेहमान टीम के गोलकीपर की गलती और 84वें मिनट में मिली पेनाल्टी किक के दम पर मेजबान टीम ने दो गोल करते हुए घरेलू प्रशंसकों में बराबरी की उम्मीद तो जगाई, लेकिन वो अधूरी ही रह गईं।

पहले हाफ में शुरुआती कुछ मिनटों में ही चेन्नयन एफसी का डिफेंस गोवा के खिलाड़ियों को संभाल पाया, लेकिन जब काफी असफल प्रयासों के बाद फेरान टेलेचेइए ने डेडलॉक तोड़ा उसके बाद मानों मेहमान टीम के खिलाड़ियों को पंख लग गए।

मेजबान टीम सिर्फ देखती रह गई और गोवा 15 मिनट में तीन गोल मार एक तरीके से मैच अपनी झोली में डाल चुकी थी।

चेन्नयन एफसी के समर्थकों के बीच मैच का पहला मौका गोवा ने नौवें मिनट में बनाया। बर्नाडो फर्नाडेज ने दूर से शॉट खेल अपनी किस्मत आजमाई जो उनसे रूठी हुई साबित हुई। चेन्नयन के हिस्से 15वें मिनट में मैच का पहला कॉर्नर आया। रेने मिहेलिक ने प्रयास तो अच्छा किया था हालांकि गोवा का मजबूत डिफेंस उनके लक्ष्य के आड़े आ गया।

19वें मिनट में गोवा के फेरान कोरोमिनास ने गोल करने के करीब आए लेकिन चेन्नयन एफसी के डिफेंस ने उन्हें रोकने की कोशिश की इसी से बचने के लिए उन्होंने फर्नाडेज को गेंद पास की। फर्नाडेज ने मौका बनाया और गेंद को गोलपोस्ट में डालने के प्रयास में बाहर खेल बैठे।

गोवा की लगातार कोशिशों का फल उसे 25वें मिनट में मिला। अभी तक गोल करने में विफल हो रहे फर्नाडेज ने इस बार गेंद फारेन को दी जिन्होंने गेंद को नेट की दिशा दिखाने में कोई गलती नहीं की। यह आईएसएल के इस सीजन का पहला गोल भी था।

बढ़त के बाद गोवा की टीम आत्मविश्वास से भरी थी और चार मिनट बाद मैन्यूएल ब्रूनो ने उसकी बढ़त को दो गुना कर दिया। हालांकि यह गोल आसान नहीं था। गोवा के खिलाड़ी तीसरे प्रयास में गोल करने में सफल रहे जबिक दो साफ मौके वो गंवा चुके थे।

फर्नाडेज का पहला प्रयास असफल रहा। गेंद गोलकीपर करणजीत के पांव से टकरा करा मंडार के पास आई। मंडार के प्रयास के बीच एक बार फिर गोलकीपर आ गए, गेंद अब पास खड़े लानजारोटे के करीब आई और इसी के साथ उन्होंने इस सीजन का अपना पहला गोल करने का मौका नहीं गंवाया। गोवा का स्कोर अब 2-0 था।

यहां से मेजबान पूरी तरह से दबाव में थे जिसका फायदा गोवा को मिला। 39वें मिनट में मंडार के समर्थन से मैन्युएल ब्रूनो ने गोवा के लिए तीसरा गोल कर दिया। मेजबान पहले हाफ में 0-3 से पिछड़ते हुए गए।

दूसरे हाफ की शुरुआत में ही जेजे ने मुश्किल से मौका बनाया, जो नाकाम रहा। अगले कुछ सेकेंड में ग्रीगोरी नेल्सन ने अकेले गोल मारने के प्रयास किया जो सफल नहीं रहा। चेन्नयन ने इस हाफ में ब्रिकमजीत सिंह को उतारा था। आक्रामक खेलने की कोशिश में उन्हें 55वें मिनट में येलो कार्ड भी मिला। पांच मिनट बाद ब्रिकमजीत के पास गोल करने का मौका था जिसे वो खराब शॉट खेल गंवा बैठे।

मेजबान टीम इस हाफ में थोड़ी आक्रमाकता के साथ उतरी थी। लेकिन गोल उसके हिस्से गोवा के गोलकीपर लक्ष्मीकांत काट्टीमानी की गलती से आया। चेन्नयन को फ्री किक मिली जिसे इनिंगो काल्डेरोन ने लिया और उस किक को काट्टीमानी ने अपने हाथों से आसानी से जाने दिया।

84वें मिनट में काट्टीमानी ने चेन्नयन के स्टार खिलाड़ी जेजे लालापेखुला को बॉक्स के अंदर गेंद को रोकने के प्रयास में गिरा दिया। रेफरी ने इसे पेनाल्टी दी जिसे राफेल अगस्तो ने गोल में आसानी से बदल दिया।

बराबरी के स्कोर में अंतर अब एक गोल का था और गोवा का डिफेंस पहले से अधिक मुस्तैद हो गया था। उसने स्कोर बराबर न होने लिए हर संभव प्रयास किया जिसमें उसे सफलता मिली और एक गोल के अंतर से उसने चौथे सीजन का विजयी आगाज किया।

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खेल-कूद

विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने 16 साल के करियर में विराट इतने आगे निकल गए हैं कि उनके रिकार्ड्स को तोड़ना लगभग नामुमकिन सा लगता है। आज विराट के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो आपने शायद पहले कभी नहीं सुनी होगी। आज हम आपको बताएंगे कि मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों को डराने वाले विराट किससे डरा करते थे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदान पर रिकॉर्ड्स के अंबार लगाने वाले विराट कोहली ने केवल 12वीं तक की ही पढ़ाई की है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। विराट ने दिल्ली की ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’ से पढ़ाई की है। स्कूल की वेबसाइट में भी एल्युमनाई में कोहली का जिक्र है और उनकी तस्वीरें भी लगा रखी है।

दिल्ली के जानेमाने स्कूल में से एक इस स्कूल को कई अवार्ड मिल चुके हैं। विराट का फेवरेट सब्जेक्ट हिस्ट्री था। विराट हमेशा से ही अतीत की बातें सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट था जिसके बारे में सुनकर विराट के पसीने छूट जाते थे। कहा जाता है कि एक बार विराट को मैथ्स में 100 में केवल 3 ही मार्क्स मिले थे।

विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी। यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।

 

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