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अन्तर्राष्ट्रीय

आईसीजे चुनाव : भंडारी का नाम वापस लेने की अफवाह का खंडन

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संयुक्त राष्ट्र, 18 नवंबर (आईएएनएस)| भारत ने उन अफवाहों का खंडन किया है, जिनमें कहा जा रहा था कि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में होने वाले चुनाव के मद्देनजर ब्रिटिश उम्मीदवार क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के पक्ष में वह न्यायधीश दलवीर सिंह भंडारी का नाम वापस लेने को लेकर ब्रिटेन से बातचीत कर रहा है।

इन अफवाहों को खारिज करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, हम इस बात को समझते हैं कि कुछ ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है कि भारत और ब्रिटेन वार्ता कर रहे हैं और न्यायाधीश भंडारी अपना नाम वापस ले सकते हैं, क्योंकि उन्हें शायद जीतने का मौका नहीं मिले।

अकबरुद्दीन ने 160 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ भंडारी के स्वागत समारोह में घोषणा किया, जब तक बहुमत का नतीजा आ नहीं जाता, तब तक हम यहां चुनाव में बने रहने का इरादा रखते हैं।

उम्मीदवार को महासभा और परिषद, दोनों में स्पष्ट बहुमत हासिल करना होगा।

भंडारी के पास 193 सदस्यीय असेंबली के 121 मतों के साथ दो तिहाई बहुमत है, जबकि ग्रीनवुड के पास 15 सदस्यीय काउंसिल में से नौ का बहुमत प्राप्त है।

भंडारी और ग्रीनवुड के बीच हो रहे कांटे की टक्कर के मद्देनजर 20 नवंबर को एक और राउंड का चुनाव होना है। अकबरुद्दीन ने भी विधानसभा और परिषद दोनों से तीन-तीन प्रतिनिधियों वाले एक संयुक्त सम्मेलन का जोरदार विरोध किया, जिसमें कहा गया था कि यह लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ था।

अगर परिषद और महासभा की तीसरी चुनावी बैठक के बाद गतिरोध जारी रहता है, तो आईसीजे उम्मीदवार चुनने के लिए एक संयुक्त सम्मलेन कराता है।

दो दिनों में अब तक 11 राउंड का चुनाव महासभा में 10 राउंड का चुनाव परिषद में हो चुका है।

दोनों चेम्बर में बहुमत के साथ पहले दिन नौ नवंबर को चार अन्य चुने गए। उसके बाद सात राउंड का मतदान भंडारी और ग्रीनवुड के लिए महासभा में और छह राउंड का मतदान परिषद में हुआ।

अकबरुद्दीन ने हालांकि ब्रिटिश राजनयिकों से मिलने की बात स्वीकार की और कहा, हां, हमने बात की है। बेशक.. हम राजनयिक हैं, हम और क्या करते हैं? हमने बात की, लेकिन एक बार भी इस तरह का प्रस्ताव नहीं दिया गया।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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