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आज जैसा डर, बेबसी का माहौल आपातकाल में नहीं देखा : शौरी

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कोलकाता, 26 जनवरी (आईएएनएस)| प्रख्यात पत्रकार एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने भारत के मौजूदा राजनीतिक हालात को ‘विकेंद्रीकृत आपातकाल’ बताया है।

शौरी ने शुक्रवार को कहा कि देश में ‘डर’ और ‘बेबसी’ का माहौल है। टाटा स्टील कोलकाता साहित्य सम्मेलन में यहां शौरी ने कहा, तात्कालिक परिस्थितियां ऐसी हैं कि आज हमारे यहां केंद्रीकृत आपातकाल नहीं बल्कि एक तरह का विकेंद्रीकृत आपातकाल है। डर और बेबसी का जैसा माहौल बना हुआ है, वैसा मैंने आपातकाल के दौरान नहीं देखा था।

उन्होंने कहा, इस स्थिति से लड़ने वाली जो ताकतें हैं, वो विभाजित हैं। मैं काफी समय से कह रहा हूं कि आपको उस विनाशकारी खतरे को पहचानना होगा जो (नरेंद्र) मोदी व अन्य देश के सामने पेश कर रहे हैं।

शौरी के मुताबिक, पिछले 30-40 वर्षो में सार्वजनिक जीवन में गुणवान लोगों की संख्या में कमी आई है।

उन्होंने कहा, यह कमी गंभीर समस्या है। आपातकाल के खिलाफ संघर्ष करने वाले लोगों और आज के लोगों में आप खुद अंतर देख सकते हैं। यह आज के भारत की केंद्रीय समस्या है।

उन्होंने भारत में शासकों के चयन की पद्धति पर भी सवाल उठाया। शौरी ने कहा कि एक अरब लोगों के शासकों को चुनने का यह तरीका नहीं है।

अच्छी गुणवत्ता वाले लोगों को सार्वजनिक जीवन में लाने के ठोस उपाय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, विधायिका में आने वाले लोगों के लिए सख्त योग्यता के बारे में हम सोच सकते हैं।

शौरी ने कहा, जो कोई (सत्ता के शिखर) पद पर होता है उसके नियंत्रण में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) होता है। सीबीआई व अन्य एजेंसियां शासकों के हथियार हैं। सीबीआई उस (मनमोहन सिंह सरकार) सरकार का हथियार थी जिसने अरुण शौरी के विरुद्ध तीन बार जांच की और उसे कुछ नहीं मिला। अंतर सिर्फ यही है कि मोदी के दो-तीन लोगों के छोटे समूह को कोई शर्म नहीं है, इन उपकरणों के इस्तेमाल के लिए उनके पास कोई सीमा नहीं है।

शौरी ने मीडिया पर व्यवस्था का हिस्सा और शासकों का हथियार बन जाने का आरोप लगाया। पहले मीडिया का जुनून सार्वजनिक हित के मुद्दे होते थे और आज उसका जुनून पैसा हो गया है।

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नेशनल

महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने दिया इस्तीफा, क्या फडणवीस के सिर सजेगा ताज ?

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मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपा है। इस दौरान डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी मौजूद थे। विधानसभा का कार्यकाल आज यानी 26 नवंबर तक ही है। नए मुख्यमंत्री की शपथ की तारीख तय नहीं है। तब तक शिंदे कार्यवाहक सीएम रहेंगे।

इस बीच महाराष्ट्र में अगली सरकार के गठन की रूपरेखा लेकर चर्चा तेज हो गई है। खबर है कि गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर सकते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले ‘महायुति’ गठबंधन ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 235 सीट हासिल की हैं। जिसमें बाजेपी अकेली 135 सीटों पर कब्जा कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

बीजेपी की महाराष्ट्र में ये अब तक की सबसे बड़ी जीत है। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीट पर जीत हासिल की और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने 41 सीट पर जीत दर्ज की है। मौजूदा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहे है।

 

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