बिजनेस
आरकॉम-एमटीएस विलय को मिली दूरसंचार विभाग की मंजूरी
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)| रिलायंस कम्युनिकेशन (आरकॉम) ने सिस्टेमा श्याम टेलीसर्विसेज लि. (एसएसटीए) के साथ विलय के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) की मंजूरी हासिल कर ली है।
कंपनी ने एक बयान में यहां सोमवार को यह जानकारी दी।
सिस्टेमा श्याम टेलीसर्विसेज लि. भारत में एमटीएस ब्रांड के अंतर्गत परिचालन करती है।
इस सौदे से आरकॉम को करीब 20 लाख ग्राहक और 700 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राजस्व हासिल होंगे।
बयान में कहा गया कि इसके अलावा इस सौदे से आरकॉम को अपने अनूठे राष्ट्रव्यापी स्पेट्रम पोर्टफोलियो में सबसे मूल्यवान और बेहतर 800/850 मेगाहट्र्ज बैंड आठ महत्वपूर्ण सर्किलों (दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, कोलकाता, यूपी-वेस्ट और पश्चिम बंगाल) में 12 सालों की अवधि के लिए हासिल होगा (2021 से 2033 तक)।
बयान में कहा गया, डीमर्जर के बाद एसएसटीएल को आरकॉम में 10 फीसदी पूर्ण डील्यूटेड इक्विटी हिस्सेदारी मिलेगी। इसके अलावा आरकॉम एसएसटीएल के स्पेक्ट्रम के डीओटी को भुगतान की भी जिम्मेदारी लेगा, जो अगले आठ सालों तक 390 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष देना है।
यह सौदा इस साल नवंबर के पहले हफ्ते तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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