बिजनेस
इफको खाद, बीज की होम डिलिवरी करेगी
नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)| प्रमुख उर्वरक सहकारी इफको ने बुधवार को अपने डिजिटल मंच इंडियन को-ऑपरेटिव डिजिटल प्लेटफॉर्म (आईसीडीपी) के माध्यम से अपने कृषिगत आदान मसलन खाद, बीज को घर-घर तक पहुंचाने की सेवा शुरू करने की घोषणा की है।
इफको द्वारा जारी बयान के मुताबिक, इसका मकसद नवीनतम तकनीकी साधनों से एक सक्षम आपूर्ति श्रृंखला तंत्र की सह-क्रिया द्वारा ग्रामीण भारत के किसानों तक आधुनिक ई-कॉमर्स के फायदों एवं अनुभवों को पहुंचाना है जो देश के बाकी हिस्सों की पहुंच से बाहर हैं।
बयान में कहा गया कि किसानों को अब आवश्यक कृषिगत आदान की पूरी श्रृंखला मिलेगी, जैसे पूर्णत: पानी में घुलनशील उर्वरक, कृषि-रसायन, जैव-उर्वरक, बीज, पौधों को विकसित करने वाले संरक्षक और अन्य कृषि आधारित उत्पाद। ये उत्पाद 5 किलोग्राम तक की थैली या बोतलों की पैकेजिंग में उपलब्ध होंगे और बगैर किसी अतिरिक्त मूल्य के किसानों के दरवाजे तक पहुंचाए जाएंगे।
इफको ने कहा कि पारंपरिक उर्वरकों, जैसे यूरिया, डीएपी, एनपीके, इत्यादि ऑनलाइन नहीं बेचे जाएंगे। आईसीडीपी में उद्योग-जगत में अपनी तरह की यह अनोखी पहल है। वह दूर-दराज के उन ग्रामीण क्षेत्रों तक वितरण सेवाएं उपलब्ध कराएगी, जहां ई-कॉमर्स के अग्रणी किरदार मौजूदा परिश्य में अपने सामान नहीं पहुंचा पाते हैं।
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू. एस. अवस्थी ने कहा, किसान हमारे डिजिटल मंच से कृषिगत आदान को फोन अथवा कंप्यूटर के सिर्फ एक क्लिक के जरिये खरीद पाएंगे। इस दिशा में आईसीडीपी काम कर रही है। इसका उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा किसान डिजिटलीकरण का लाभ उठाएं।
उन्होंने कहा, हमने किसानों के बीच प्रशिक्षण और जागरूकता-निर्माण अभियान भी शुरू किया है, जहां वे ऑनलाइन व डिजिटल भुगतान गेटवे के उपयोग के बारे में सीख सकते हैं। यहां उन्हें नकद रहित रहने के लाभ की शिक्षा भी मिलेगी। इससे आगे जाते हुए, हमारी योजना यह है कि इस मंच को एक सफल डिजिटल बाजार में बदल दें, जहां किसान और सहकारी समितियां, दोनों अपने उत्पाद ऑनलाइन खरीद-बेच सकें, बिचैलिये के दुष्चक्र के बगैर, जो कि उनकी लाभ का एक बड़ा हिस्सा खा जाते हैं।
प्रधानमंत्री की डिजिटल पहल और कैशलेस मुहिम के अनुरूप, इफको ने हाल ही में एक नया पोर्टल शुरू किया है- इंडियन को-ऑपरेटिव डिजिटल प्लेटफॉर्म। इस पोर्टल का लक्ष्य किसानों या उपभोक्ताओं और इफको तथा इसकी समूह कंपनियों के बीच संवाद स्थापित करने और कारोबार करने के लिए एक डिजिटल मंच प्रदान करना है। आईसीडीपी की सदस्यता सभी किसानों के लिए नि:शुल्क उपलब्ध है। इफको आईसीडीपी पर अपनी सभी 36,000 सहकारी समितियों के साथ ही इसके 5 करोड़ सदस्यों व किसानों को एक साथ लाने और उन्हें आपस में जोड़ने का लक्ष्य रखती है।
यह पोर्टल 13 प्रमुख भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है और इसमें 2.5 करोड़ लोगों की मेंबरशिप है।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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