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उच्च न्यायालय का तेजपाल के खिलाफ आरोप तय करने पर रोक से इनकार

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पणजी, 26 सितम्बर (आईएएनएस)| बंबई उच्च न्यायालय की पणजी पीठ ने मंगलवार को तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल पर एक निचली अदालत में आरोप तय करने के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

इसके साथ ही पीठ ने उच्च न्यायालय की सहमति के बाद ही मामले की सुनवाई शुरू करने के निर्देश दिए।

अदालत का यह आदेश गोवा में 2013 में एक कांफ्रेंस के दौरान अपनी सहकर्मी के कथित दुष्कर्म के मामले में अतिरिक्त उत्तरी गोवा जिला और सत्र न्यायालय द्वारा उनके खिलाफ आरोप तय करने को चुनौती देने की तेजपाल की याचिका के बाद आया है।

तेजपाल के वकील अमन लेखी ने आरोप तय करने की प्रक्रिया को चुनौती देते हुए कहा कि दुष्कर्म के आरोप झूठे हैं और अभियोजक पक्ष ने उन्हें साक्ष्य सौंपने में तीन साल की देरी कर दी।

वहीं, अभियोजन पक्ष के वकील सरेश लोटलीकर ने कहा कि सिर्फ उचित सुनवाई ही तेजपाल के खिलाफ लगे आरोपों की सत्यता साबित कर सकती है।

न्यायाधीश पृथ्वीराज चव्हाण ने साथ ही निर्देश दिए कि उनकी सहमति के बाद ही निचली अदालत में प्रत्यक्षदर्शियों की जांच हो सकती है।

तेजपाल पर भारतीय दंड संहिता की धारा 341 (अनाधिकृत तरीके से रोकने), 342 (गलत तरीके से बंदी बनाने), धारा 376 (दुष्कर्म) के तहत मामला दर्ज किया गया है और उसमें एक अतिरिक्त धारा 354 (बी) (महिला का शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग करना) को भी जोड़ा गया है।

तरुण तेजपाल पर नवंबर 2013 में उत्तरी गोवा में एक कार्यक्रम के दौरान एलेवेटर में अपनी जूनियर महिला सहकर्मी का यौन शोषण करने का आरोप लगा है।

इस घटना के उजागर होने के बाद तेजपाल को गिरफ्तार कर लिया गया था और अभी वह जमानत पर रिहा है।

गोवा की मापुसा की जिला एवं सत्र अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 28 सितंबर को मुकर्रर की है।

उच्च न्यायालय तेचपाल की याचिका पर अगली सुनवाई एक नवंबर को करेगा।

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नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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