Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

उत्पाद बेचने, बनाने के लिए भारत सबसे अहम बाजार : लेनेवो सीईओ

Published

on

Loading

लास वेगास, 11 जनवरी (आईएएनएस)| फॉर्च्यून-500 कंपनियों की सूची में शामिल लेनोवो के शीर्ष अधिकारी मानते हैं कि भारत न सिर्फ उनके उत्पादन की बिक्री के लिए एक अहम बाजार है बल्कि उत्पाद विकसित करने के लिए खास ठिकाना भी है।

लेनोवा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) यांग युआनकिग ने कहा कि भारत सबसे बड़ी आबादी वाले देशों में शुमार होने के साथ-साथ एक खास बाजार भी है और यहां प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रतिभावान लोगों की वजह से कंपनी के लिए अपने उत्पाद विकसित करने के भी अवसर हैं।

यहां आयोजित इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के सबसे बड़े कार्यक्रम कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स शो (सीईएस)-2018 के अवसर पर भारत, जापान और ताइवान से आए पत्रकारों के एक समूह से बातचीत के दौरान अपने सहयोगियों के बीच वाईवाई के नाम से चर्चित युआनकिंग ने कहा, बात चाहे पर्सनल कंप्यूटर की हो या फिर स्मार्टफोन की, आपका कौशल और बाजार ही लेनेवो के लिए सबसे अहम बाजार है।

उन्होंने बताया कि जब भारत की बात होती है तो वो हमेशा इस देश के लोगों के शैक्षणिक स्तर का जिक्र करते हैं।

53 वर्षीय युआनकिंग 2016 में जब भरत दौरे पर आए तो उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने उनसे भारत में मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत एक निर्माण इकाई स्थापित करने का आग्रह किया था।

कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत के दौरान लेनेवो के चीफ मार्केटिंग अधिकारी निक रेनॉल्ड्स ने आईएनएस को बताया कि युआनकिंग इस साल फिर भारत का दौरा करेंगे और शायद अपने साथ कुछ और प्रस्ताव लेकर आएंगे। उनकी फिर मोदी से मुलाकात हो सकती है।

युआनकिंग से जब यह सवाल किया गया कि क्या भारत में स्थापित उनकी दो निर्माण इकाइयों में बनने वाले स्मार्ट फोन या पर्सनल कंप्यूटर को उनके अपने नाम से ही बाजार में लाया जाएगा या उनके द्वारा अधिग्रहण की गई कंपनी मोटोरोला के नाम से, तो उन्होंने कहा कि इस रणनीति को ग्राहक तय करेंगे।

उन्होंने कहा, अगर भारतीय ग्राहक मोटो को प्रीमियर प्रोडक्ट के रूप में देखते हैं तो हम इसे इसी रूप में रखेंगे। लेकिन अगर भारतीय ग्राहकों को बेहतर कीमतों वाले उत्पाद की तलाश होगी तो हम लेनोवो को ब्रांड के रूप में इस्तेमाल करने की रणनीति बनाएंगे।

इंटेल, एएमडी और एआरएम चिप्स के साइबर हमलों के प्रति संवदेनशील होने को लेकर पैदा हुई चिंताओं के संबंध में युआनकिंग ने कहा कि यह पूरे उद्योग जगत की समस्या है जिसका समाधान करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, हमें ग्राहकों की संतुष्टि के बारे में बताना व उसकी खोजबीन करनी है। हमें समस्याओं का पता लगाना और उनका हल करना है। दूसरा कोई तरीका नहीं है। ग्राहकों को कंप्यूटर, टैबलेट और अन्य डिवाइस की जरूरतें होती रहेंगी।

लेनोवो 2016 में दुनिया की सबसे बड़ी पीसी की आपूर्ति करने वाली कंपनी थी। इसने 5.55 करोड़ पर्सनल कंप्यूटर दुनिया के 160 देशों में पहुंचाई और इस तरह डेल व एचपी को पर्सनल कंप्यूटर की आपूर्ति के मामले में पीछे छोड़ दिया।

युआनकिंग ने बताया कि वह अगले दस साल तक इस सेक्टर में अव्वल बने रहने की उम्मीद करते हैं लेकिन यह आसान काम नहीं है।

उन्होंने बताया, हमने प्रतिस्पर्धा से कहीं ज्यादा कार्यकुशलता हासिल कर शीर्ष स्थान हासिल किया है, लेकिन इस पर बने रहने की कोई गारंटी नहीं दे सकता है। हमें बदलते बाजार को लेकर संवदेनशील रहना होगा।

सुपर कंप्यूटर के क्षेत्र में पांचवें स्थान से शीर्ष पर पहुंचने की अपनी तैयारी के बारे में उन्होंने बताया कि कंपनी अगले तीन साल में घोषित 1.2 अरब डॉलर से ज्यादा निवेश करेगी क्योंकि प्रत्येक उत्पाद व सॉल्यूशन अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम बुद्धि (एआई) से परिभाषित होंगे।

उन्होंने बताया कि कंपनी को स्टोरेज और नेटवर्क बिजनेस को मजबूत बनाना है और अमेजन, गूगल, माइक्रासॉफ्ट और फेसबुल जैसी क्लाउड कंप्यूटिंग कंपनियों को बेहतर सर्वर स्टोरेज मुहैया करवाना है। साथ ही उनको विविध उत्पादन व कौशल भी प्रदान करना है।

उनका कहना था कि इस क्षेत्र में लेनेवो की स्पर्धा किसी बहुराष्ट्रीय नहीं बल्कि ताइवान की कंपनियों से है।

अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों से लेनोवो की अलग पहचान के बारे में युआनकिंग ने कहा कि किसी अमेरिकी या जापानी कंपनी की बात करें तो उनके सारे शीर्ष अधिकारी उनके अपने देश के होते हैं। उन्होंने बताया, लेकिन हमारे पास आधे से भी कम शीर्ष अधिकारी चीन के हैं। हम अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभा पर ज्यादा निर्भर करते हैं। हमारा कारोबार सिर्फ एक नगर से संचालित नहीं है बल्कि हमारा केंद्र बीजिंग, हांगकांग, सिडनी और शिकागो में हैं। इसके अलावा मिलान और अमेरिका के पश्चिमी तट पर है। इससे हमें विभिन्न देशों की प्रतिभा का इस्तेमाल करने में फायदा मिलता है, जिनके पास जानकारी और बाजार दोनों हैं।

Continue Reading

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending