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प्रादेशिक

उप्र : अखिलेश सरकार के खिलाफ भाजपा सांसदों का धरना

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लखनऊ,उत्तर प्रदेश,विधानसभा चुनाव,भारतीय जनता पार्टी,अखिलेश यादव सरकार

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लखनऊ  | उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभी से कमर कस रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 40 सांसदों ने यहां शनिवार को प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। ये सांसद 24 घंटे के लिए विधानसभा के सामने बैठ गए हैं। सांसदों के धरने के लिए भाजपा ने सरकार के नकारात्मक रवैये, जनहित-विकास के कार्यो में भेदभाव और सांसदों की उपेक्षा को मुद्दा बनाया है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि भाजपा के जिन सांसदों ने गांव गोद लिए हैं या जिन क्षेत्रों से वे चुने गए हैं, उनका विकास नहीं कराया जा रहा है। सिर्फ समाजवादी पार्टी के जन प्रतिनिधियों के क्षेत्रों में विकास की बयार लाने में सपा की सरकार जुटी हुई है।

कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह ने कहा कि यूपी में कोई उद्योग चले न चले, लेकिन अखिलेश सरकार में वसूली उद्योग अपनी रतार पकड़े हुए है। यह वसूली सपा कार्यकर्ता तो करते ही हैं, साथ ही इनकी यादव ब्रिगेड है, जो हर जिले और थाने पर तैनात रहती है। ये लोग वसूली को अंजाम देते हैं। प्रदेश की जनता इन यादवों की वसूली से त्रस्त हो गई है। डुमरियागंज से सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि राज्य में स्थापित कुशासन को हटाना है। उन्होंने कहा कि न तो प्रदेश में आम जनता सुरक्षित है और न ही पत्रकार। पत्रकार जगेंद्र सिंह को पुलिसकर्मियों द्वारा जिंदा जलाए जाने का जिक्र करते हुए पाल ने कहा कि जनता को अब सपा सरकार के चक्रव्यूह से निकालना है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पाला बदलने वाले पाल ने कहा कि राज्य में बिजली व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। बिना बिजली दिए ही नियामक आयोग ने दाम बढ़ा दिए हैं। ये सरकार हर मोर्चे में फेल साबित हुई है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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