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उप्र : चुनावी तैयारियों की कसरत में जुटीं पार्टियां
लखनऊ, उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव राजनीतिक दलों से अभी से कसरत करा रहा है। भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी समेत अन्य राजनीतिक दल अपने-अपने ढंग से चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं।
सपा और कांग्रेस के बाद भाजपा भी अब अपनी परिवर्तन रैली शुरू करने जा रही है। बसपा अध्यक्ष मायावती भी प्रदेश के कई कोनों में गत दिनों चुनावी रैलियां आयोजित कर चुकी हैं।
बसपा की चुनावी कसरत पर यदि चर्चा करें तो बसपा पहले चरण में विधानसभा स्तरीय ‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय भाईचारा कार्यकर्ता सम्मेलन’ आयोजित कर चुकी है। दूसरे चरण में बसपा का विधानसभा स्तरीय सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय भाईचारा कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ।
उधर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 5 नवंबर से भाजपा अपनी परिवर्तन यात्रा लेकर निकलने जा रही है। उन्होंने बताया कि भाजपा की 4 परिवर्तन यात्राएं अलग-अलग दिनों में निकलेंगी जो प्रदेश की समस्त 403 विधानसभा सीटों से होकर गुजरेंगी। भाजपा अपनी इन यात्राओं के माध्यम से प्रदेश सरकार की नाकामियों और केंद्र सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच रखेगी।
इसी तरह कांग्रेस ने अपनी 27 साल यूपी बेहाल यात्रा के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में अपनी किसान यात्रा पर अपनी चुनावी कसरत की। वहीं अब कांग्रेस पार्टी राहुल संदेश यात्रा पर कसरत कर रही है।
सूबे के सत्ताधारी दल समाजवादी पार्टी भी दो चरणों में मुलायम संदेश यात्रा पर अपनी चुनावी कसरत कर चुकी है। वहीं आगामी दिनों में सपा तीसरे चरण की मुलायम संदेश यात्रा वाराणसी से निकालने जा रही है।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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