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उप्र : भारत बंद के दौरान राज्य के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन

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लखनऊ, 2 अप्रैल (आईएएनएस)| अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) अधिनियम पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के विरोध में सोमवार को आहूत भारत बंद का असर राज्य के कई हिस्सों में देखने को मिला है। पूर्वांचल के आजमगढ़ जिले और पश्चिमी उप्र में कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने बसों में आगजनी व तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी। एससी-एसटी अधिनियम में परिवर्तन के विरोध में सोमवार को आजमगढ़ में प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए। इस दौरान जिले के सगड़ी तहसील परिसर के बाहर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। वहीं, अजमतगढ़ में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने सड़क पर उतर कर दुकानें बंद कराई और सड़कों पर जाम लगा दिया।

सोनभद्र में भी कई संगठनों ने भारत बंद के समर्थन में जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया है। वहीं, चंदौली में रेलगाड़ियों के परिचालन पर बंद का असर देखने को मिला है।

आजमगढ़ के अजमतगढ़ में बड़ी संख्या में दलित समुदाय के लोगों ने सोमवार सुबह 10 बजे जुलूस निकाला और बाजार बंद कराने लगे। प्रदर्शनकारियों ने यहां तोड़फोड़ भी की। भीम आर्मी और भारत मुक्ति मोर्चा के 2000 से अधिक सदस्य ‘संविधान से छेड़छाड़ नहीं चलेगी, नहीं चलेगी’ के नारे लगा रहे थे।

इन लोगों ने मुख्य मार्ग पर नारेबाजी करते हुए जाम लगा दिया। पुलिस ने उन्हें हटाना शुरू किया तो विरोध में प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को शांत कराया।

पश्चिमी उप्र में मेरठ शहर के कंकरखेड़ा क्षेत्र में सैकड़ों युवक हाथों में लाठी-डंडे और हथियार लेकर प्रदर्शन करते हुए सड़क पर उतर आए और उन्होंने जमकर बवाल मचाया। इस दौरान कुछ उग्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला कर दिया।

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से नाराज दलित विद्यार्थियों ने मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया। विद्यार्थियों ने परिसर में तोड़फोड़ की।

दलितों ने तेजगढ़ी चौराहे पर कब्जा कर चक्का जाम कर दिया। इसके साथ ही कई जगहों पर बसों को भी जलाने की खबर है। पुलिस ने लोगों को सोमवार को दिल्ली से देहरादून की ओर न जाने की सलाह दी है।

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नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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