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नेशनल

उप्र में अक्षय होंगे स्वच्छता अभियान के ब्रांड एंबेसडर : योगी

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लखनऊ, 4 अगस्त (आईएएनएस। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार उत्तर प्रदेश में स्वच्छता अभियान के ब्रांड एंबेसडर होंगे। वहीं प्रदेश में स्वच्छता अभियान की ओर प्रेरित करने वाली उनकी फिल्म ‘टॉयलेट : एक प्रेम कथा’ प्रदेश में टैक्स फ्री भी हो गई है। योगी शुक्रवार को लखनऊ के मिलेनियम स्कूल में स्वच्छता को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में अक्षय कुमार के साथ अभिनेत्री भूमि पेडनेकर भी मौजूद थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा, फिल्मों का उद्देश्य या सरकार की नीतियां लोगों और समाज को ध्यान में रख कर बनाई जानी चाहिए। फिल्में और नीतियां किसी व्यक्ति, परिवार या वर्ग विशेष के लिए नहीं बल्कि सर्वसमाज के लिए बनें। यही लोकतंत्र की सार्थकता है। फिल्में ऐसी हों कि समाज की संवेदनाओं को नई दिशा दे सकें। उनका मकसद केवल मनोरंजन न हो। पहले भी ऐसी बहुत सी फिल्में बनीं हैं, जिन्होंने सामाजिक प्रेरणा में अहम भूमिका अदा की।

अक्षय कुमार की फिल्म और उनके प्रयास की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पहले अभिनेता हैं, जिन्होंने समाज की इस समस्या को फिल्म के माध्यम से उठाया है। नई दिशा देने का प्रयास किया। इससे समाज की सोच में बदलाव आएगा।

मुख्यमंत्री ने चिंता जताते हुए कहा कि लोगों के पास पैसा है, लेकिन टॉयलेट उपयोग को लेकर मानसिकता नहीं है। गांवों में लोग सरकारी मदद से बने टॉयलेट में गोबर के कंडे और लकड़ी रख देते हैं।

उन्होंने कहा कि लोगों को अपमानित कर स्वच्छता के लिए जागरूक करना उचित नहीं होगा। यह स्वतंत्रता के हनन का मामला बन सकता है। उन्होंने कहा कि देश में वैसे भी बहुत से लोग कानून के दायरे में स्वतंत्रता नहीं, बल्कि स्वछंदता चाहते हैं।

खुले में शौच पर कटाक्ष करते हुए योगी ने कहा, लोग इसे अपनी आजादी मानते हैं। इसलिए सामाजिक चेतना का जागरण होना जरूरी है। समाज में कितनी रुढ़िवादिता हावी है। अभी कुछ दिनों से चोटी काटने के प्रकरण सुनने में आ रहे हैं। आगरा में एक बुजुर्ग महिला की हत्या तक कर दी गई। सोचना होगा, कितने अंधकार व अंधविश्वास में जी रहे हैं हम? टायलेट बनाएंगे बीमार हो जाएंगे, ऐसे भ्रम फैलाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से गंगा की निर्मलता के लिए किनारे बसे 25 जिलों के 1,627 गांवों को ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) कर दिया है। 31 दिसम्बर तक 30 जिलों को ओडीएफ घोषित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से दो अक्टूबर, 2018 तक प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम 22 करोड़ आबादी को इस अभियान से जोड़ेंगे।

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नेशनल

ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर का इस्तेमाल करने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देश में चुनावों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय बैलेट पेपर का इस्तेमाल करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि जब वे नहीं जीते तो मतलब ईवीएम में छेड़छाड़ की गई है और जब चुनाव जीत गए तो उन्होंने कुछ नहीं कहा. हम इसे कैसे देख सकते हैं? इसके बाद कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि यह वो जगह नहीं है जहां आप इस सब पर बहस कर सकते हैं.

याचिकाकर्ता ने बताया कि चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी जैसे प्रमुख नेताओं ने भी ईवीएम से छेड़छाड़ के बारे में चिंता जताई थी तो सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने टिप्पणी की, “जब चंद्रबाबू नायडू या रेड्डी हार गए, तो उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की गई थी और जब वे जीते, तो उन्होंने कुछ नहीं कहा. हम इसे कैसे देख सकते हैं? इसके बाद कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि यह वो जगह नहीं है जहां आप इस सब पर बहस कर सकते हैं.

याचिकाकर्ता ने जब कहा कि सभी जानते हैं कि चुनावों में पैसे बांटे जाते हैं, तो पीठ ने टिप्पणी की, “हमें कभी किसी चुनाव के लिए पैसे नहीं मिले।” याचिकाकर्ता ने कहा कि उनकी याचिका में एक और अनुरोध चुनाव प्रचार के दौरान पैसे और शराब के इस्तेमाल को विनियमित करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा तैयार करने और यह सुनिश्चित करने का था कि इस तरह की प्रथाएं कानून के तहत प्रतिबंधित और दंडनीय हों। याचिका में जागरूकता बढ़ाने और सूचित निर्णय लेने के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक व्यापक मतदाता शिक्षा अभियान चलाने का निर्देश देने की मांग की गई। याचिकाकर्ता ने कहा, आज 32 प्रतिशत शिक्षित लोग मतदान नहीं कर रहे हैं। यह कितनी त्रासदी है। आने वाले वर्षों में क्या होगा यदि लोकतंत्र इसी तरह खत्म होता रहा और हम कुछ नहीं कर पाए।

 

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