बिजनेस
एक्सकॉन 2017 : टाटा मोटर्स लांच करेगी हैवी ड्यूटी टिप्पर रेंज
नई दिल्ली, 11 दिसम्बर (आईएएनएस)| टाटा मोटर्स दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे बड़े निर्माण उपकरण प्रदर्शनी ‘एक्सकॉन 2017’ में कॉन्सट्रक्ट रेंज में अपने छह नए कंस्ट्रक्शन एवं माइनिंग वाहन प्रदर्शित करेगी।
इन नए उत्पादों में टाटा मोटर्स चौथी पीढ़ी के अल्टीमाक्स सस्पेंशन सिस्टम एचसीवी हैवी ड्यूटी टिप्पर रेंज लांच करेगी। कंपनी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि टाटा मोटर्स लि. ने अल्टीमाक्स सस्पेंशन को कमर्शियल वाहनों की दुनिया में अग्रणी सस्पेंशन सिस्टम्स कंपनी हैंड्रिकसन इंक (टाटा ऑकॉम्प लि की संयुक्त उपक्रम पार्टनर) के साथ मिलकर विकसित किया है।
टाटा मोटर्स के प्रमुख (सेल्स एवं मार्केटिंग, मीडियम एवं हैवी कमर्शियल वाहन) राजेश कौल ने कहा, एक्सकॉन 2017 में हमारा फोकस माइनिंग एवं रोड कंस्ट्रक्श्न उद्योग पर है क्योंकि इन सेक्टरों में बड़े आर्थिक बदलाव के संकेत हैं। प्रदर्शनी में लाए जाने वाले उत्पाद दुनिया की विख्यात क्युमिंस एससीआर टैक्नोलॉजी, अल्टीमाक्स सस्पेंशन सिस्टम, फैक्ट्री में फिट किए गए आरामदायक एसी साइना केबिन और लाइटवेट होने के बावजूद मजबूत बॉडी टिप्पर से लैस हैं।
उन्होंने कहा, हम अन्य पहलुओं जैसे इंजन, एक्सेल सिस्टमों की रखरखाव लागत घटाने पर भी काम कर रहे हैं ताकि कम कीमत पर लम्बे समय तक झंझट मुक्त कामकाज चलता रहे। हम जल्दी ही बाजार में दो नए वाणिज्यिक वाहन पेश करेंगे, जो अधिकतम वाहन अपटाइम के साथ कम से कम मालिकाना कीमत पर सुकूनभरा अनुभव देंगे।
बयान में बताया गया कि अल्टीमाक्सज्ड रियर सस्पेंशन में दो हैवी ड्यूटी बीम हैं जो केंद्रीय धुरी, शीयर स्प्रिंग्स और प्रोग्रेसिव स्प्रिंग्स से लैस हैं। ये वजन ढोने के लिए रीढ़ माने जाते हैं। ये खास गुणों वाले रबर मैटेरियल से बने होते हैं। प्रोग्रेसिव मेन स्प्रिंग्स वाहन का सबसे अधिक बोझ अपने पर लेते हैं। वजन बढ़ने के साथ इनकी सख्ती बढ़ती जाती है। इससे बिना वजन वाले वाहन और वजन भरे हुए वाहन की ड्राइविंग में स्थिरता बनी रहती है। फ्रंट और रियर में रबर बुश के इस्तेमाल से बार बार ल्युब्रिकेशन की जरूरत कम हो जाती है। इस अनूठे डिजाइन से लम्बी सर्विस लाइफ मिलती है और रबर बदलना आसान होने से डाउन टाइम कम रहता है।
टाटा मोटर्स के प्रमुख (इलेक्ट्रिक एवं प्रतिरक्षा वाहन, कमर्शियल वाहन इंजीनियरिंग) डॉ. एके जिंदल ने कहा, भारत में पहली बार हैवी ड्यटी टिप्पर एप्लीकेशंस रबर बुशिंग के साथ विकसित किए गए हैं जबकि परंपरागत सस्पेंशंस में मैटल बुशिंग होती है। इससे सड़कों पर झटके कम लगेंगे और ड्राइविंग का आराम भी बढ़ जाएगा। इसके अलावा, अल्टीमाक्स सस्पेंशन सिस्टम 250 किलो तक अधिक वजन ले सकता है क्योंकि इसमें दूसरे सस्पेंशन के मुकाबले कम बोझ की अपेक्षा नहीं होती। ग्राहकों की उम्मीदों और राय के आधार पर हमारी टीम ने भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से सस्पेंशन विकसित किए हैं।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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