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बिजनेस

एप्पल अमेरिका में अगले 5 वर्षो में 350 अरब डॉलर का निवेश करेगा

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सैन फ्रांसिस्को, 18 जनवरी (आईएएनएस)| अमेरिका की प्रौद्योगिकी कंपनी एप्पल अगले पांच वर्षो में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 350 अरब डॉलर का निवेश करेगी। कंपनी इस निवेश योजना के तहत इस साल 55 अरब डॉलर का निवेश करेगी।

एप्पल ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि कंपनी तीन क्षेत्रों में निवेश करेगी, जहां रोजगार सृजन में कंपनी का व्यापक प्रभाव रहा है। यह तीन क्षेत्र हैं; एप्पल द्वारा प्रत्यक्ष रोजगार, एप्पल के घरेलू आपूर्तिकर्ताओं और विनिर्माणकर्ताओं के साथ व्यय और निवेश तथा तेजी से बढ़ी रही एप अर्थव्यवस्था को और तेज करना, जिसे एप्पल ने आईफोन और एप स्टोर से सृजित किया है।

कंपनी के सीईओ टिम कुक ने कहा, एप्पल ने सफलता का परचम लहराया है, जो सिर्फ अमेरिका में ही हो सकता था। हमें अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए सहयोग के दीर्घकालीन इतिहास को लेकर गर्व है।

उन्होंने कहा, हम अमेरिकी कौशल की शक्ति में विश्वास करते हैं और हम उन क्षेत्रों में निवेश पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जहां हम रोजगार सृजन और रोजगार की तैयारियों पर प्रत्यक्ष प्रभाव डाल सकते हैं।

इस निवेश में एप्पल का मौजूदा कर भुगतान, कर्मचारियों के वेतन से प्राप्त कर राजस्व और एप्पल उत्पादों की बिक्री शामिल नहीं होगी।

एप्पल अमेरिका में 20 लाख से अधिक रोजगारों के सृजन में पहले से ही भूमिका निभा रहा है और वह गुरुवार को हुए ऐलान के तहत और रोजगारों का सृजन कर सकता है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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