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बिजनेस

एयू स्मॉल फायनेंस बैंक को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक की मंजूरी

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नई दिल्ली, 3 नवंबर (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एयू स्मॉल फायनेंस बैंक को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक के तौर पर काम करने की अनुमति दे दी है। अब एयू स्मॉल फायनेंस बैंक को आरबीआई अधिनियम 1934 की दूसरी अनुसूची में सम्मिलित किया गया है। अनुसूचित बैंक बनने के बाद अब फायनेंस बैंक आरबीआई से ऋण ले सकेगा और इसके साथ ही एयू बैंक आरबीआई के पास अधिक नकदी भी जमा करा सकेगा। इसके साथ ही एयू स्मॉल फाईनेंस बैंक सरकारी संस्थाओं, अन्य कॉर्पोरेट्स, बैंकों, म्यूच्युअल फंड, बीमा कंपनियों और उन सभी बाजार की अन्य प्रतिभागी संस्थाओं के साथ लेन-देन कर सकेगा, जो केवल किसी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक से ही लेन-देन कर सकते थे।

अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक बनने के बाद एयू स्मॉल फायनेंस बैंक किफायती ब्याज दारों पर जमा प्रमाण पत्र (सर्टिफिकेट ऑफ डीपॉजिट) भी जारी कर पाएगा।

बैंक के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय अग्रवाल ने कहा, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक बनने से हमारी ट्रेजरी और लायबिलीटीज का विस्तार होगा और हमें बाजार से लिक्विडीटी प्रबंधन के नए आयाम मिलेंगे। हम सरकारी संगठनों से बचत और डिपॉजिट को भी किफायती दरों पर एकत्रित कर पाएंगे।

एयू स्मॉल फायनेंस का मुख्यालय जयपुर, राजस्थान में स्थित है और वह इसी साल 19 अप्रैल को यह बैंक स्थापित हुआ है।

वर्तमान में एयू की 301 शाखाएं और 113 एसेट सेंटर, 23 कार्यालय, 287 एटीएम भारत के 11 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में कार्यरत हैं। 30 सितम्बर, 2017 के आंकड़ों के अनुसार एयू की कुल डिपॉजिट 2000 करोड़ रुपये से अधिक व ऋण बुक 12134 करोड़ रुपये की है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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